वार्ड परिसीमन को लेकर कांग्रेस कमेटी द्वारा 21 सदस्यीय कमेटी के सदस्यों ने कांग्रेस भवन में बैठक की ।
बिलासपुर 20 जुलाई को कमेटी के सभी सदस्य कांग्रेस भवन में दोपहर 12.00 बजे से बैठेंगे , और जिन वार्डो को विलोपित कर दिया गया है ,जिन वार्डो में मतदाता संख्या असामान्य रखा गया है ,जिन वार्डो के भगौलिक क्षेत्र का ध्यान नही रखा गया है, जिन वार्डो को पहले तोड़ा गया फिर उस वार्ड में अन्य वार्डो के हिस्से को जोड़ा गया ऐसे अव्यवहारिक परिसीमन के लिए आपत्ति दर्ज की जाएगी ,इसके लिए वार्ड का कांग्रेस पार्षद/पार्षद प्रत्यशी या कोई भी अपना आवेदन कांग्रेस भवन में महापौर रामशरण यादव के पास जमा कर सकता है ,
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि भाजपा सरकार ने सभी वार्डो में मतदाताओं की संख्या समरूप हो एवं भगौलिक असमानता न हो ,इन दो प्रमुख कारणों से परिसीमन करा रही थी ,पर प्रकाशन के बाद लगता है कि अधिकारी भाजपा कार्यालय में बैठ कर परिसीमन किये है क्योंकि दोनों बिंदुओं की घोर उपेक्षा की गई है, शहर के कई वार्डो का अस्तित्व ही नष्ट हो गया, जिन वार्डो के मतदाता 7 से 8 हजार थे वहां मतदाताओं की संख्या 10 हजार से ऊपर कर दिया गया है ,वार्ड 69 में मतदाता की संख्या 14 हजार से ऊपर रखा गया है,जबकि इससे पहले कभी भी बिलासपुर नगर निगम के किसी वार्ड में मतदाता 14 हजार नही थे ।कुल मिलाकर भाजपा नेता जिस क्षेत्र में हारते थे ,वहां के मतदाताओं को परेशान करने के लिए ,उन्हें विभाजित करने के लिए ये सब किया गया है।जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
महापौर राम शरण यादव ने कहा कि जिस तरह से परिसीमन किया गया है उससे उस वार्ड के विकास को जानबूझ कर बाधित करने का षड्यंत्र है क्योंकि कई वार्डो में दूसरा वार्ड का हिस्सा को जानबूझ कर जोड़ दिया गया है जबकि पार्षद अपने वार्ड के लिए सड़क,नाली या अन्य विकास करता है जब वार्ड के बीच मे दूसरा वार्ड आ जायेगा तो वहाँ पर निर्माण कार्य बाधित होगा ।
लगातार वार्ड में परिवर्तन होने से नागरिकों को अपना एड्रेस प्रूफ देने में कठिनाई होती है जब पासपोर्ट बनना हो तो ,
2018-19 में परिसीमन हुआ और वर्तमान परिसीमन से कोई बड़ा परिवर्तन नही किया गया तो पुराना परिसीमन को बदलने का क्या कारण है?
बिलासपुर नगर निगम में मतदाताओं की संख्या लगभग 5 लाख 12 हजार से अधिक है और वार्ड संख्या 70 है इस दृष्टि से लगभग 7 हजार और 8 हजार के बीच प्रत्येक वार्ड में मतदाता होना चाहिए पर यहां तो विधान सभा क्षेत्र को पैमाना मान लिया गया है ,कई वार्डो में चुन चुन कर हिस्सो को निकाला गया है ,यह परिसीमन केवल भाजपा को लाभ देने के लिए किया गया है ,जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि
बिलासपुर नगर निगम का परिसीमन 2019 में शासन द्वारा करवाया गया था वो भी इसलिए क्योंकि नगर निगम की नयी सीमा बनी थी जिसमे कि 18 नये निकायों को जोड़ा गया था नगर निगम में।15 ग्रामीण निकायों को और 3 नगरी निकायों को जोड़ा गया था इसलिए नगर निगम की जनसंख्या B श्रेणी की बनानी थी जो कि बिलासपुर की जनता की बहुत दिनों से माँग चल रही थी और नये जोड़े गये निकायों को शहर जैसी सुविधा मिल सके।
एक बार परिसीमन हो चुका है पाँच साल पहले अब परिसीमन की जरूरत नहीं थी क्योंकि वार्ड की जनता को फिर से सीमा विभाजन और नये पार्षद और नया वार्ड के लिए परेशानी होगी और उनकी रोज़ की ज़रूरतों के लिए फिर से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बीजेपी के नेताओं और मंत्री की शह पर दबाव बनाकर वार्डों को बीजेपी को लाभ पहुँचाने के लिए नया परिसीमन किया जा रहा है और वार्डो को बिखेर दिया गया है।जनसंख्या का भी संतुलन नहीं देखा गया है बस काट के फ़ेक दिया गया है जो की ग़लत है।बीजेपी ने आने वाले निगम चुनाव को देखते हुए लाभ की दृष्टि से परिसीमन करवाया है जिससे वार्डो का संतुलन बिगड़ गया है और विशेष रूप से जो कांग्रेस के वार्ड थे उनको उजाड़ दिया गया है।
सभापति शेख नजीरुद्दीन ने कहा कि वार्ड नम्बर 21,22,23, 24,25 और 26 क कौन सा हिस्सा किस वार्ड में जोड़ा गया और क्यो जोड़ा गया समझ से परे है क्योंकि न तो सामाजिक व्यवस्था को ध्यान में रखा गया ,न गली ,न सड़क और न ही चौकों को आधार बनाया गया है , बेमेल परिसीमन से कई प्रकार की दिक्कतें आएंगी ।
बैठक में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, महापौर रामशरण यादव, पूर्व विधायक शैलेष पांडेय,सभापति शेख नजीरुद्दीन, राकेश शर्मा,महेश दुबे ऋषि पांडेय, समीर अहमद,सुनील सिंह, अजय यादव,मोती ठारवानी, जावेद मेमन, पिंकी बतरा, सीमा घृटेश, शहज़ादी कुरैशी,विनोद साहू,काशी रात्रे,तजम्मुल हक
आदि उपस्थित थे।
ऋषि पांडेय,प्रवक्ता शहर।