बिलासपुर। देश के वरिष्ठ साहित्यकार स्वर्गीय श्रीकांत वर्मा की पुण्यतिथी पर उनकी पुत्रवधू श्रीमति एंका वर्मा दो दिवसीय बिलासपुर प्रवास पर रहे इस प्रवास में उन्होंने श्रीकांत वर्मा शोधपीठ और श्रीकांत वर्मा ट्रस्ट के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।साथ ही पत्रकारो से चर्चा में श्रीमती एंका वर्मा ने कहा कि उन्हें यहां आकर बहुत ही सुकून मिल रहा है क्षेत्र की इस धरती ने जो स्नेह और अपनापन उनके पिता समान ससुर को दिया वही स्नेह और सम्मान उन्हें भी यहां आकर मिल रहा है। इस दौरान कहा कि मैं अपने ससुर स्वर्गीय श्रीकांत वर्मा जी के पैतृक स्थल बिलासपुर में आई हूं उन्होंने अपने जीवन को उल्लेखनीय कार्य करने में बिताया है। मेरे ससुर स्व श्रीकांत वर्मा जी की 36वी पुण्यतिथि पर उनकी बहु होने के नाते अपना कर्त्तव्य निभाते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने बिलासपुर आयी हूँ।बिलासपुर से मेरे परिवार का गहरा नाता है,,इसलिए बिलासपुर के लोग मेरे परिवार की तरह है श्रीकांत वर्मा चेरिटेबल फाउंडेशन के ट्रस्टी श्री राजू यादव जी व बन्टी सुल्तानिया जी के साथ मैं आज उनकी मधुर स्मृतियों को पुनर्जीवित करने आई हूं।
श्रीकांत वर्मा के जीवन पर डाक्यूमेंट्री बनानें की तैय्यारी।
मेरे पति अभिषेक वर्मा काफी समय से स्व श्रीकांत वर्मा जी की जीवन के ऊपर डॉक्यूमेंट्री बनाने की तैयारी कर रहें हैं। कल ही हम विनोद भारद्वाज जी,नरेश सक्सेना जी व बन्टी सुल्तानिया जी की माता जी श्रीमती सीता सुल्तानिया जी से मुलाकात हुई है। उन्होंने स्व श्रीकांत वर्मा जी से जुड़ी बहुत से किस्से कहानियों को हमें बताया। यह डॉक्यूमेंट्री बनाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उन्हीं कविताओं,लेखों और उनसे जुड़ी किस्सों को आज की युवा पीढ़ी के सामने लाना बहुत जरूरी है। इसके अलावा हमने अमेज़न से भी अनुबंध किया है ताकि स्व श्रीकांत वर्मा जी के लेखों, कविताओं व उनसे जुड़ी किस्सों और कहानियों के संग्रह को एक किताब के रूप में हम उपलब्ध कराएंगे साथ ही विभिन्न कॉलेजो, यूनिवर्सिटीज में युवा पीढ़ियों हेतु जानने,पढ़ने हेतु निशुल्क दान करेंगे। स्व श्रीकांत वर्मा जी के लिखे लेखों, कविताओं और उनके संग्रहो का आज के राजनीतिक परिदृश्य में और भी बड़ा महत्व है क्योंकि हम उन कविताओं में कही गयी बातों को आज होते देख रहें है। हमारा कर्तव्य है कि आज हम उनकी रचनाओं को बिलासपुर, छत्तीसगढ़ और हमारे देश मे सभी लोगों को रूबरू कराए ताकि यह बहुमूल्य संग्रह को जान कर पढ़कर आज की पीढ़ी भी प्रेरणा ले और इसके अलावा हम स्व श्रीकांत वर्मा चैरिटेबल फाउंडेशन के माध्यम से महिलाओं,बच्चो,गरीबो और जरूरतमंदों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करते रहेंगे ताकि स्व श्रीकांत वर्मा जी आने वाले कई सौ सालों तक लोगो की यादों में बनें रहे। बिलासपुर में बने स्व श्रीकांत वर्मा मार्ग को देखकर मैं बहुत ही गौराववित हो गयी।आने वाले समय में 18 सितम्बर को स्व श्रीकांत वर्मा जी की 91वे जन्मतिथि पर मैं,मेरे पति अभिषेक वर्मा व मेरी सास मां वीणा वर्मा हम सब साथ मे यहाँ बिलासपुर आएंगे और आप सभी से रूबरू होंगे। आज के बहुत संछिप्त प्रवास में भी मैं इतने सारे लोगो से मिला व उनसे मिले प्यार और अपनेपन को देखकर मैं अभिभूत हूँ।
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