राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर बैगा महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर,बिहान से बैगा महिलाएं बन रहीं स्वयं सिद्धा।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर बैगा महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर,बिहान से बैगा महिलाएं बन रहीं स्वयं सिद्धा।
बिलासपुर, । राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान येाजना से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बन रहीं हैं। समूह की आजीविका गतिविधियों से जुड़कर कोटा ब्लॉक के करका गांव की बैगा महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं। गांव की जनजाति महिला प्रमिला बैगा समूह से जुड़कर न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बनी हैं बल्कि अपने बैगा समुदाय की महिलाओं को भी समूह से जुड़ने के लिए प्रेरित कर आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।सक्रिय महिला के रूप में प्रमिला के प्रयासों से विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाएं बिहान योजना से जुड़कर आजीविका कमा रही हैं। समूह के माध्यम से बैगा महिलाओं के लिए प्रमिला द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिए जिला स्तर पर स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और कलेक्टर अवनीश शरण द्वारा सम्मानित भी किया गया है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए पीएम जनमन योजना चलाई जा रहीं है जिसके तहत इन आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़ी जनजातियों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के अथक प्रयास किये जा रहे हैं। बैगा महिलाओं की आर्थिक रूप से सशक्त बनाने बिहान योजना से जोड़ा जा रहा है ताकि बैगा महिलाएं भी आजीविका गतिविधियों से जुड़कर आय अर्जित कर सकें। बैगा महिलाओं को शासन की इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित करना एक कठिन कार्य था लेकिन प्रमिला बैगा के प्रयासों से यह संभव हो सका। प्रमिला ने करका गांव की बैगा समुदाय की सभी पात्र महिलाओं को आजीविका गतिविधियों से जोड़ा है, ये महिलाएं अब समूह बनाकर बांस की टोकरी, सुपली, दोना पत्तल, मुर्गीपालन और झाड़ू बनाकर आय अर्जित कर रही हैं।प्रमिला ने उत्साह से बताया कि समूह से जुड़ने के बाद पहली बार गांव से निकलकर स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में उपमुख्यमंत्री और कलेक्टर के हाथों प्रशस्ति पत्र मिला जिससे वो बेहद खुश है। प्रमिला अपने प्रयासों से गांव की बैगा महिलाओं को आर्थिक सामाजिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की ओर प्रयासरत है।