कांग्रेस भवन में स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगा धर तिलक जी की पुण्यतिथि मनाई गई और उनकी छाया चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।
बिलासपुर शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि तिलक जी अग्र पंक्ति के सेनानी थे, इनकी तिकड़ी लाल ,पाल और बाल के नाम से जाना जाता है, उदारवादी कांग्रेसियो से मतभेद होने के कारण 1907 के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस नरम दल और गरम दल में विभक्त हो गया ,जिसका 1916 में विलय हुआ ,तिलक जी ने होम रूल लीग की स्थापना एनी बीसेंट जी के साथ की, तिलक जी एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे ,जिन्हें अनेक उपाधियों से सम्बोधित किया गया ,लोक मान्य , भारत का राष्ट्र निर्माता, भारतीय क्रांति के जनक आदि ।
संयोजक ज़फ़र अली, ब्लॉक अध्यक्ष विनोद साहू ने कहा कि कि आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने वाले प्रथम पंक्ति के नेता थे, वे एक अधिवक्ता, गणितज्ञ, लेखक, पत्रकार भी थे,जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई के लिए गुप्त बैठक और कार्यक्रम के लिए गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव मानना प्रारम्भ किया, मराठा और केसरी नामक अखबारों के माध्यम से अंग्रेजो की गलती नीति की आलोचना की ,जिससे उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा, मंडेला जेल में उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता पर गीता रहस्य नामक पुस्तक लिखी ,जो बहुत ही पॉपुलर है, 01 अगस्त 1920 में मुम्बई में उनका देहांत हो गया और एक राष्ट्रवादी नेता ,सेनानी चिर लीन में सो गए ।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, संयोजक ज़फ़र अली, ब्लॉक अध्यक्ष विनोद साहू, माधव ओत्तालवार,जिग्नेश जैन,पार्षद स्वर्णा शुक्ला, अन्नपूर्णा ध्रुव,सत्येंद्र तिवारी, राजेश शर्मा, वीरेंद्र सारथी, सुभाष ठाकुर, मनोज शर्मा, गणेश रजक, चन्द्र प्रदीप बाजपेयी, राजेश ताम्रकार, गौरव एरी,
आदि उपस्थित थे।
ऋषि पांडेय,प्रवक्ता शहर