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नशा मुक्त, अपराध मुक्त और भय मुक्त बिलासपुर बनाने में जुटी बिलासपुर पुलिस।

नशा मुक्त, अपराध मुक्त और भय मुक्त बिलासपुर बनाने में जुटी बिलासपुर पुलिस।

निजात अभियान का दिखने लगा असर, अपराध-नशा व भय मुक्त होने लगा बिलासपुर।

 

बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नशे के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही के आदेश पर इस वर्ष फरवरी माह से पुलिस महानिदेशक  अशोक जुनेजा के निर्देशन में पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर श्री बी.एन. मीणा व पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संतोष कुमार सिंह की उपस्थिति में अवैध नशा के विरुद्ध अभियान निजात की शुरूआत की गई थी । पुलिस अधीक्षक बिलासपुर  संतोष कुमार सिंह के निदेर्शानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर  राजेंद्र जायसवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण  राहुल देव शर्मा के मार्गदर्शन में बिलासपुर के सभी थाना प्रभारियों द्वारा उनके क्षेत्र में अवैध नशा के कार्य में संलिप्त लोगों के विरुद्ध ताबड़तोड़ तरीके से कार्यवाही व व्यापक जागरूकता कार्यक्रम किए गए है। इस निजात अभियान का उद्देश्य नशा मुक्त समाज, अपराधमुक्त और भयमुक्त बिलासपुर बनाना है. साथ ही साथ नशे के गिरफ्त में फंसे नाबालिग, युवाओं व अन्य को काउंसिलिंग व अन्य माध्यमों के जरिये मुख्यधारा से जोड़ना है. बिलासपुर पुलिस अपने इस उद्देश्य में लगभग सफल भी होती दिख रही है. निजात अभियान के तहत अपराधियों और नशा कारोबारियों में ताबड़तोड़ कार्रवाई होने की वजह से अपराधियों में पुलिस व कानून का डर बैठ गया है और वे अब बिलासपुर छोड़कर भाग रहे हैं. दूसरी ओर पुलिस के ताबड़तोड़ कार्रवाई के चलते चाकूबाजी जैसी घटनाओं में 80 फीसदी की कमी आई है, साथ ही साथ महिला संबंधी अपराधों में भी अंकुश लगाया जा सका है. इसके अलावा पुलिस महिला थाने व महिला पुलिस के माध्यम से टूटते रिश्तों-परिवार व घरों को भी बचाने में लगी हुई है. हर रोज पुलिस ऐसे लोगों की काउंसिलिंग कर रही, जो किसी ना किसी वजह से परिवार से अलग हो रहे या भी आपस में रिश्ता तोड़ने की कोशिश कर रहे. ऐसे लोगों को समझकर पुलिस उन्हें फिर एक मजबूत रिश्ते के डोर से बांधने की कोशिश कर रही है. पुलिस ने इस अभियान के जरिए दर्जनों घरों व परिवार को टूटने से बचाया है।

आबकारी व एनडीपीएस के हर रोज बन रहे प्रकरण, सैकड़ों गए जेल-

निजात अभियान के दौरान आबकारी के करीब 17 सौ प्रकरणों में साढ़े 17 सौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा एनडीपीएस के करीब 100 प्रकरण में सवा सौ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. आबकारी में गिरफ्तार लोगों में बड़ी संख्या सार्वजनिक स्थलों पर शराब सेवन कर हुडदंग करने वाले लोग शामिल हैं। वहीं, पुलिस ने 35 सौ लीटर अवैध शराब भी जब्त किया है। एनडीपीएस प्रकरण में करीब 6 सौ किलो गांजा और अन्य नशीली वस्तुएं बरामद हुई है। करीब 80 लाख के नशे का सामान भी पुलिस ने जब्त किया है. अवैध शराब व गांजा के अलावा चरस 15 ग्राम, एमएएमडी 4.9 ग्राम, नशीले इंजेक्शन 4081 नग, टैबलेट 694 नग, सीरप 827 नग, बोनफिक्स 940 नग टयूब भी जब्त किया गया है।

लोग भी बढ़-चढ़कर ले रहे हिस्सा, नशामुक्त बिलासपुर करने में जुटे-

नशे के विरुद्ध जन-जागरुकता के तहत कुल स्कूल-कॉलेज और सार्वजनिक जगहों पर सवा 7 सौ के करीब कार्यक्रम किए गए. यह कार्यक्रम अभी भी जारी ही है. इसके तहत लोगों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी जा रही, साथ ही साथ नशे से निजात कैसे दिलाया जाये इस पर चर्चा की जाती है. इसके साथ ही अपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए लोगों से सुझाव भी लिए जाते हैं. दूसरी ओर आम जनता भी पुलिस के इस अभियान में अपना पूरा साथ दे रही और बढ़-चढ़कर हिस्सा तो ले ही रही साथ ही साथ अपराध व नशे की तुरंत जानकारी भी पुलिस को पहुंचा रही है.

मुख्यधारा में लौटे सैकड़ों नशेड़ी, कहा-नहीं करेंगे नशा, नशे से होता है परिवार बर्बाद-

एसपी संतोष कुमार सिंह ने निजात अभियान के तहत कार्रवाई के अलावा इस बात पर भी जोर दिया कि, जो लोग नशे के गिरफ्त में हैं उन्हें उससे बाहर भी निकालना है. इसके लिए पुलिस ने डॉक्टरों, समाजसेवी संगठनों और मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों का सहयोग भी लिया. जिसके जरिए सैकड़ों युवा और नाबालिगों की काउंसिलिंग की गई, साथ ही साथ उन्हें जरुरी दवा और परामर्श भी दिया गया. जिसका परिणाम यह रहा कि, सैकड़ों की संख्या में नशे के गिरफ्त में फंसे लोग आज नशा छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने कसम भी खायी कि वे ना तो कभी नशा करेंगे और ना किसी को करने देंगे, क्योकि नशे से शरीर के साथ-साथ घर-परिवार और पूरी पीढ़ी बर्बाद हो जाती है.

नशे पर कसा नकेल तो आई अपराध में कमी-

एसपी संतोष कुमार सिंह ने अपराधों की समीक्षा के दौरान यह पाया कि, अक्सर अपराध करने वाले नशे की हालत में रहते हैं. साथ ही साथ बड़े पैमाने पर नाबालिग भी अपराध की दुनिया में नशे की वजह से घुसते जा रहे हैं. इसे गंभीरता से लिया गया और नशे पर पूरी तरह से नकेल कसने के लिए पुलिस ने प्लानिंग कर कार्रवाईयां शुरू की. जिसका असर दो माह में ही दिखने लगा कार्यवाहियों का व्यापक असर अपराध में कमी के रूप में देखने को मिला है। अभियान दौरान के तीन माह और पिछले वर्ष के इसी अवधि के अपराधों की तुलना में आईपीसी के कुल अपराधों में 10 फीसदी, चाकूबाजी में करीब 80 फीसदी, मारपीट में 12 प्रतिशत, छेड़छाड़ में 34 फीसदी और चोरी व नकबजनी में 15 प्रतिशत कमी आई है।

हर अपराध में आई कमी, निजात ने दिलाया लोगों को अपराध से निजात-

तुलनात्मक अवधि में इससाल व पिछले साल के कुल मारपीट के 1007 मामलों की बजाय 884 अपराध, चाकूबाजी के 24 की बजाय 5 अपराध, चोरी व नकबजनी के 385 के बजाय 328, छेड़खानी के 41 की बजाय 27 अपराध कायम हुए है। आईपीसी के पिछले साल के कुल 1967 अपराधों की तुलना में 1776 अपराध ही कायम हुए है।

 

 

जनता का बढ़ा भरोसा, वीडियो बनाकर भेज रहे पुलिस को-

निजात अभियान का एक और सकारात्मक असर हुआ है. इसकी वजह से आम जनता और पुलिस के बीच के रिश्ते व विश्वास में बढ़ोत्तरी हुई है. जिसके चलते अब आम जनता भी पुलिस के अभियान में अपना पूरा सहयोग दे रही है. नशे में धुत्त होकर वाहन चलाने वाले, नियमों को तोड़ने वाले, नशा व अपराध करने वालों का वीडियो व फोटो बनाकर लोग तुरंत पुलिस तक पहुंचा रहे हैं. वहीं, पुलिस भी उनके विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश कर रही और तुरंत कार्रवाईयां भी कर रही है. पिछले दिनों सरकंडा पुलिस ने बर्थडे के बहाने हुल्लड़बाजी करने वाले युवकों पर कार्रवाई भी की थी, इसकी भी सूचना आसपास के लोगों ने पुलिस को दी थी और पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए कार्रवाई की.

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