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आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल में 502 बच्चों का स्वर्ण प्राशन।

आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल में 502 बच्चों का स्वर्ण प्राशन।

बिलासपुर, । आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल में प्रत्येक पुष्य नक्षत्र के अवसर पर स्वर्ण प्राशन का आयोजन किया जाता है। इस पुष्य नक्षत्र पर आज कुल 502 बच्चों का स्वर्ण प्राशन किया गयाl स्वर्ण प्राशन में स्वर्ण को औषधि रूप में परिवर्तित कर इसे घी एवं शहद में भली प्रकार मिलकर बच्चों को खिलाया जाता है। आयुर्वेदीय शास्त्रों का मत है कि जिस बच्चे को एक माह लगातार स्वर्ण प्राशन कराया जाता है वह मेधावी हो जाता है एवं जिस बच्चे को लगातार 6 माह कराया जाता है वह सुनकर याद करने की क्षमता विकसित कर लेता है।

आयुर्वेद महाविद्यालय में स्वर्णप्राशन वर्ष 2023 से प्रारंभ हुआ है उसे समय से अब तक हजारों बच्चों का स्वर्ण प्राशन किया जा चुका है। महाविद्यालय में स्वर्ण प्राशन राष्ट्रीय आयुर्वेद मिशन के माध्यम से आयुष संचालनालय छत्तीसगढ़ के सहयोग से किया जाता है। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर मीनू श्रीवास्तव खरे के निर्देशन में बाल रोग विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ विद्याभूषण पांडेय द्वारा स्वर्ण प्राशन बच्चों को कराया जाता है। देखा गया है कि जिन बच्चों को लगातार स्वर्ण प्राशन करेंगे उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास में बेहतर परिवर्तन आए तथा उनका वार्षिक परीक्षा फल भी श्रेष्ठ रहा है। इस पुष्य नक्षत्र में आयोजित स्वर्ण प्राशन में प्रशिक्षु डॉक्टर हर्ष सक्सैना डॉक्टर यशोधरा डॉ दीपिका केशकर,  संगीता कदम,  कुलदीप जांगड़े,  मुनव्वर अंसारी,  खुलावन ध्रुव, एवं  लक्ष्मी सिदार का विशेष सहयोग रहा।

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