छत्तीसगढ़रमेश भट्ट - एडिटर& चीफ।

इस गांव के लोग मना रहे है ख़ास दिवाली….20 साल बाद अंधेरा हुआ दूर जगमगा उठा पूरा गांव शादी के लिए बेटी देने से कतराते थे लोग..

इस गांव के लोग मना रहे है ख़ास दिवाली….20 साल बाद अंधेरा हुआ दूर जगमगा उठा पूरा गांव शादी के लिए बेटी देने से कतराते थे लोग..
शादी के लिए बेटी देने से कतराते थे लोग..जिला पंचायत सदस्य शीलू साहू के प्रयास से दूर हुई समस्या

मुंगेली जिले के लोरमी विधानसभा करील कुंडा गांव इस दिवाली जगमगा उठा है..अब इस गांव के बच्चे भी उजाले में पढ़ पाएंगे, अब यहाँ के लोग भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपभोग कर सकेंगे ,यहाँ रहने वाले लोगों के यहाँ न सिर्फ मेहमान बल्कि अब लड़को के लिए वैवाहिक रिश्ता भी आएगा..क्योंकि इस दिवाली इस गांव में प्रकाश जलाया गया है जो अब हमेशा के लिए अंधेरों को दूर कर प्रकाशमान रहेगा..

ऐसे दूर हुई बिजली की समस्या

,जी हाँ मुंगेली जिले लोरमी विधानसभा के मैदानी इलाके के करील कुंडा गांव के लोग अब अंधेरे में रहने को मजबूर नही होंगे.क्योंकि आजादी के 7 दशक बाद भी यहाँ के लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर थे,दरअसल कहने के लिए तो गांव में विद्युत कनेक्शन किया गया है परंतु 20 साल तक यहाँ विभाग के द्वारा ट्रांसफार्मर नही लगाया गया था. जिसके चलते पड़ोसी गांव के ट्रांसफार्मर के भरोसे इस गांव में विद्युत सप्लाई हो रही थी..जिसकी रोशनी चिमनी से भी कम था,…।लोकसभा से लेकर विधानसभा के चुनावों के दौरान कईयों नेताओ का आगमन हुआ कइयों ने आश्वासन भी दिया यहां की समस्या दूर करने की लेकिन हुआ कुछ भी नही,

 

शादी के लिए बेटी देने से कतराते थे लोग..इस जनप्रतिनिधि के प्रयास से दूर हुई समस्या

गांव वाले बताते है कि लो वोल्टेज की समस्या यहाँ इस कदर थी कि विद्युत प्रवाहित तार को छूने पर करन्ट का एहसास नही होता था. जिसके चलते गांव वाले आधुनिक डिजिटल युग में बिजली संकट से जूझ रहे थे वो भी उस राज्य में जहाँ दूसरे प्रदेशो में बिजली बेची जाती है..आलम ये था कि यहाँ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सो-पीस बनकर रह गया था तो वही लो वोल्टेज की वजह से स्कूली बच्चे रात के अंधेरे में चिमनी की रोशनी में पढ़ने को मजबूर थे. गांव वाले तो यहाँ तक बताते है बिजली संकट वाले इस गांव में विवाह के लिए दूसरे गांव के लोग बेटी देना भी पसंद नही करते थे..हद की बात तो ये थी कि लोग इस गांव में मेहमान बन कर जाने से भी कतराते थे..लेकिन इस दिवाली से लोग अब इस अंधेरे से निजात पाकर हमेशा के लिए उजाले में प्रवेश कर रहे है.क्योंकि अब यहाँ विद्युत विभाग के द्वारा ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है जो कि जिले के बीजेपी नेत्री एवं जिला पंचायत सदस्य शीलु साहू के प्रयास से संभव हुआ है..ये बात हम नही बल्कि खुद ही गांव वाले कहते फिर रहे है..पिछले महीने उनके आगमन के दौरान गांव वालों ने उनके समक्ष समस्या रखी और उन्होंने आश्वासन देने के बजाय काम करने के बाद गांव वालों को बताया ..वही बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता आर के चौहान का कहना है कि इस प्रकिया के लिए मुंगेली जिला कार्यालय से लेकर संभागीय व विभागीय सचिवालय से प्रॉसेज पूरा होने के बाद ट्रांसफर की स्वीकृति मिली है जिसे गांव में लगा दिया गया है..

ये है खास दिवाली मनाने की वजह

वैसे तो ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य कोई बहुत बड़ा काम नही है लेकिन अगर गांव वाले इसकी मांग करते करते 20 सालों से थक गए हो और नेताओं के आश्वासन सुन सुनकर मायुष हो चुके हो ऐसे समय मे किसी जनप्रतिनिधि का उनके मांग पर खरा उतरना ..उत्साह को दोगुना कर गया, यही वजह है अब गाँव वाले भी बोल रहे है कि राज्य बनने के बाद पहली बार वे लोग उजाले में असली दिवाली मना रहे है..

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