छत्तीसगढ़संस्कृति

हिन्दी भजनों के साथ साथ छत्तीसगढ़ी जसगीतों की प्रस्तुति देकर शहनाज ने भक्तों को झूमने पर कर दिया मजबूर।

बिलासपुर  शहर के उर्दू स्कूल ग्राउंड वायरलेस रेलवे कालोनी स्थित ग्राउंड में 10 मार्च को महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर।भव्य जगराता का कार्यक्रम किया गया। श्री श्री श्री जयमहाकाल समिति ने भजन गायिका शहनाज अख्तर को।विशेष आमंत्रित किया गया था।जिसमें शहनाज अख्तर ने अपने गीतों की जोरदार प्रस्तुति देकर हजारों की संख्या में गीत संगीत का आनंद लेने पहुंचे श्रोताओं को झुमने पर मजबूर कर दिया।हिंदी भजनों के साथ साथ छत्तीसगढ़ी भजनों की प्रस्तुति देकर दर्शको का मन मोहा।कार्यक्रम के दौरान देर रात तक संगीत प्रेमी अपने जगहों पर बैठे नजर आयें।

बता दें कि मुस्लिम परिवार में जन्मीं शहनाज हिंदू देवी-देवताओं के भजन गाती हैं। वो 10 साल की उम्र से ही भजन गा रही हैं।लेकिन उन्हें इसके लिए कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा।लेकीन गीत संगीत को उन्होंने नही छोड़ा।

शहनाज अख्तर भजन गाने की कोई तालीम नहीं ली।

मिली जानकारी के अनुसार  शहनाज बचपन में अपने टेप रिकॉर्डर पर भजन सुनती थी। फिर वो उसे गुनगुनाने लगी और उन्होंने इसे ही अपना कैरियर बना लिया। शहनाज का मानना है कि जिसमें उनका दिल लगता है उसे गाने में क्या बुराई।शुरू एल्बम से ही हो गई प्रसिद्ध और शहनाज अख्तर की डिमांड बढ़ने लगी। 

शहनाज अख्तर ने 2005 में अपना पहला एल्बम लॉन्च किया। इस एल्बम ने पुरे देश में धूम मचा दी।बच्चे-बच्चे की जुबां पर उका भजन चढ़ गया। उनका गाना ‘छुम-छुम छननन बाजे मइया पांव पैजनिया..सुपरडुपरहिट हुआ। आज भी इस गाने की धूम है।शहनाज के 200 से भी ज्यादा भजनों के एल्बम आ चुके है। वो लाइव शो और स्टेज शो में भी खूब वाहवाही बटोरती है।नवरात्र के समय उनकी डिमांड खूब बढ़ जाती है।लोग मोटी फीस चुकाकर शहनाज के शो की बुकिंग करते हैं। शहर में हुई कार्यक्रम में आयोजन समिति के साथ साथ बड़ी संख्या में शहर के लोग उपस्थित थे।वहीं कार्यक्रम के साथ ही दुसरे दिन विशाल भण्डारा का भी आयोजन है।

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