
बिलासपुर। भोजली पर्व को विशेष स्थान दर्जा देने की मांग को लेकर छ, ग, बिलासपुर में 6,7 जिला के आस पास गांव शहर के बीच पोस्ट कार्ड अभियान चलाया गया मुख्यमंत्री के नाम से जिसमे बहुतायत सहयोग एवं समर्थन मिला।छ, ग के मुख्यमंत्री से भोजली महोत्सव समिति तोरवा बिलासपुर द्वारा विगत पूर्वज वर्षो से छत्तीसगढ़ के पारंपरिक भोजली पर्व को सवघर्न व त्यौहार की महत्ता को आने वाली पीढ़ी एवं सभी वर्गो के समाज तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।इसी कड़ी में भोजली समिति के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम से 5 जून से 5 जुलाई 2022 तक पोस्ट कार्ड अभियान चलाया गया जिसमें पूरे छत्तीसगढ़ के सभी एवं जिले के सभी समाज के प्रमुख के द्वारा सहयोग एवं समर्थन मिला2000 पोस्ट कार्ड भरा गया भोजली पर्व को लेकर।
भोजली महोत्सव समिति तोरवा बिलासपुर के अध्यक्ष शंकर यादव कहना है। कि मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि छत्तीसगढ़ लोक पर्व हरेली, तीजा, पोरा तिहार की तरह भोजली पर्व को भी छत्तीसगढ़ में भी एक अलग स्थान व विशेष महत्व है लेकिन आधुनिक के कारण आज भोजली त्यौहार पर्व ( मितानिन ,मितान बनने का तिहार मनाने की परंपरा) आज विलुप्त होती जा रही है खासकर के बड़े शहरों में।इस तरह छत्तीसगढ़ राज्य लोक संस्कृति पारंपरिक भोजली पर्व को विशेष स्थान दर्जा देकर राज्य में एक विशेष स्थान देने की कृपा करें। ताकि आने वाली पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति परंपरा से जुड़ सके। प्रमुख रूप से भोजली महोत्सव समिति तोरवा बिलासपुर के अध्यक्ष शंकर यादव, गंगेश्वर सिंह उइके, सुनील भोई नंदकिशोर यादव,मुकेश केवट ,शुभम यादव,कमल पटेल विनोद भोई,धनेश रजक गीता रजक,मनीष पटेल,मनोहर पटेल, महेंद्र घुरू,संजय पटेल,शशि सैनिक, राजा पांडेय,तुलाराम केवंट देवा भोई,, रामचरण रजक,श्रीमति सुखमत केवट,रामबाई सैनिक,कुंवारी भोई रामप्यारी पटेल,कुंवारी भोई बनवास यादव, जुग्गा भोई,पार्वती पटेल, और आदी।

