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मस्तूरी तहसीलदार की इस कार्यवाई से बेजकब्जधारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

मस्तूरी से लगभग 6 किलोमीटर आगे टिकारी गांव में बेजा कब्जा की बाढ़ सी आ गई है।सड़क किनारे खाली पड़ी सरकारी जमीन पर अंधाधुंध बेजा कब्जा किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की इस हरकत से पीछे के निजी भूमि स्वामी,कृषक किसानी के लिए रास्ता बंद हो जाने से खासे परेशान है। ऐसा ही एक मामला कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर के सामने आया जिसमें खेत मालिक ने कलेक्टर को शिकायत में बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब वह खेत जाना छोड़ चुके थे इसी दौरान स्थानीय नागरिकों ने वर्षों पुराने निस्तारी मार्ग को बंद कर उस पर कब्जा कर लिया था।

कलेक्टर ने शिकायत की जांच के लिए एसडीएम मस्तूरी पंकज डाहीरे को निर्देश दिया। जिस पर एसडीएम की निगरानी में तहसीलदार अतुल वैष्णव ने जांच कराई और मामला सही पाया। जिस में विधिवत पंचनामा, नोटिस, पेशी और बार बार मौका देने के बाद भी जब बेजा कब्जाधारियों ने सड़क से कब्जा नही हटाया तो शुक्रवार को बेदखली की कार्रवाई की गई। तहसीलदार अतुल वैष्णव ने एक टीम का गठन किया जिसमे आर आई धारा कश्यप,पटवारी दिनेश साहू,पटवारी शैलेश टंडन, अलग अलग गांव के कोटवार,और पुलिस बल को साथ ले जाकर सड़क से लेकर निजी भूमि तक सरकारी जमीन पर किए गए कब्जे को जेसीबी के जरिए हटाया। हालांकि कुछ देर के लिए स्थानीय पुरुषों ने महिलाओं को सामने कर इस कार्यवाई में बाधा डालने की कोशिश की मगर तहसीलदार के कड़े रुख के सामने उनकी एक न चली,और मुख्य सड़क से पीछे निजी खेत तक 15 फीट की सड़क को फिर से खुलवा दिया गया। मस्तूरी तहसीलदार की इस कार्यवाई से बेजकब्जधारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

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