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रेल्वे कॉलोनी में स्वप्न देकर विराजमान हुई है शक्तिपीठ आदिशक्ति मां काली,मनोकामना लेकर प्रतिदिन पहुँचते हैं सैकड़ो श्रद्धालु।

बिलासपुर। देश विदेश में अनेकानेक देवी देवताओं का मंदिर है जहां लोग सच्चे मन और आस्था लेकर दर्शन करने पहुँचते हैं। छत्तीसगढ़ में बहुत से धार्मिक स्थल और शक्तिपीठ है। जिनमे से एक ऐसा ही स्थल बिलासपुर रेल्वे स्टेशन के करीब दक्षिण दिशा पर न्यू रेल्वे कॉलनी टिकट काउंटर के पास स्थित है।जहां मां काली और मां तारिणी विराजमान है।स्वप्न देकर विराजमान हुई है कॉलोनी में मां काली-  कॉलोनी में निवास करने वाले पुराने बुजुर्ग बतातें हैं की रेल्वे मे साहसराम नाम के एक व्यक्ति काम करता था उस कर्मचारी को रहने के लिए रेल्वे के लोको कॉलोनी में मकान आबंटन दिया उनके परिवार में साहस राम के पत्नी के आलावा एक बेटा और एक बेटी थी। पुरा परिवार धार्मिक भावनाओ से ओतप्रोत था लोगों के अनुसार प्रतिदिन की तरह रेल कर्मी अपने काम मे गया हुआ था एक दिन जब वह काम से छुटकर घर पहुंचा तो नवरात्र के समय उनके बच्चों ने पास मे दूर्गा पुजा मे शामिल होने की बात कही,तब बच्चो के लेकर उनके पिता पंडाल पर दर्शन कराने लेकर पहुंचा उसके बाद जब परिवार सहीत वापस घर पहुंचे तो उनकी बेटी बहुत रोने लगी जो चुप होने का नाम ही नही ले रही थी जिससे घर वाले डर गए और झाड फुंक कराने लगे बावजूद बच्ची चुप होने का नाम ही नही ले रही थी।जिसके बाद उसी दिन बच्ची के पिता को स्वप्न आया जिसमे मां काली उसे घर के पास स्थापित करने की बात कही और स्वप्न में यह भी कही की मुझे अन्य जगह पर स्थापित नही किया जाये जिस जगह पर बताया गया है उसी जगह ही मंदिर बनाकर स्थापित करें बच्ची की चिंता न करे वह ठिक हो जायेगी।

सन् 1981 में साढ़े 8 दिन में हुआ मंदिर का निर्माणसाहसराम ने सन 1981 मे घर के आंगन में ही मातारानी के लिए साढ़े आठ दिन में मंदिर निर्माण कराया।प्रतिदिन सुबह शाम पुजा से वहां वातावरण और आस पास के लोग भक्तिभाव से आनंदित रहते हैं।एक दिन साहस राम यादव की वृद्ध अवस्था पश्चात मृत्यु हो गई। धीरे धीरे उसके परिवार का बेटा सेवकराम यादव परिवार सहित पुजा पाठ करने लगें। वही आसपास के लोगो के मुताबिक स्व.साहसराम की 8 वर्षीय नातिन मीना के उपर मां काली की कृपा होने से वह दिन रात माता की सेवा में लगी रहती है वही आस पास के लोग माता की महिमा से अवगत होतें गए और लोग मंदिर पहुंचने लगे भक्तो के द्वारा मांगे इच्छा भी पुरी होते गई।इसकी चर्चा धीरे धीरे क्षेत्र मे फैलते गया। जिसके बाद पूरे राज्य के लोग दर्शन के लिए पहुंचने लगे।दो बार मंदिर हटाने का प्रयास लेकिन माता के शक्ति के सामने सब नतमस्तक मंदिर जस की तस  कुछ वर्ष पुर्व रेल्वे क्षेत्र होने के कारण माता के मंदिर को तोड़ने निर्देश मिलने पर वहां रेल कर्मी पहुंचे और माता की मंदिर को तोड़कर मूर्ति को धकेल दिया।जिसपर क्षेत्र के लोग आक्रोशित होकर संबंधित विभाग में हल्लाबोल दिया भारी गहमा गहमी के बीच विभाग के लोग संबंधित अधिकारियों से चर्चाकर चूकी मंदिर बहुत पुराना था इसलिए उसे यथावत रहने की बात कही। लोगों का मानना है की मंदिर तोड़ने वाले कर्मचारी का कुछ दिनों बाद तबादला हो गया।आस्था का केंद्र बनते जा रहा है यह स्थल,मंदिर परिसर पर होती है प्रतिवर्ष ज्योतिकलश प्रज्वलितक्षेत्रीय लोगो के अनुसार मां काली मंदिर पर मनमांगे मुराद पूरी होती है। कई लोगो की बिमारी भी यहां पहुंचने से दूर हुई हैैं।एक बार भक्तों को जरूर वहां पहुंचकर दर्शन करना चाहिए ताकी उनकी हर कष्ट माता रानी हर सके।इस बार भी यहां नवरात्री पर्व में अलग अलग जगहों से भक्तों ने ज्योतिकलश प्रज्वलित किया हैं।

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