मानदेय की राशि गबन करने के साथ निर्माण कार्य की भुगतान नहीं करने की शिकायत, अधर में लटकी जांच।
कोटा।. भ्रष्टाचार की राह दीमक की तरह होती है,जिसे आदत पड़ जाए तो उसे शासन की राशि का दुरुपयोग करने के लिए किसी का भय नहीं रहता है।जब ग्राम का प्रधान ही समस्या का निराकरण करने की बजाय शासकीय राशि का दुरुपयोग करते हुए ग्राम विकास की राह में स्वयं बाधा उत्पन्न करे तो वहां की जनता के लिए विकास की सोच रखना खुली आंखों से सपना देखने के बराबर ही है।
मामला कोटा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरा का है।जहां के सरपंच अर्जुन सिंह पैकरा एवं सचिव अविनाश कौशिक पर शासन की जनकल्याणकारी कार्यों को अवरुद्ध करने के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उप सरपंच सहित पंचों ने कोटा अनुविभागीय अधिकारी से शिकायत कर जांच की मांग किया गया।बहरहाल मानदेय की राशि गबन करने के साथ निर्माण कार्य की भुगतान नहीं करने की शिकायत के लगभग 20 दिन का समय गुजर जाने के बाद भी आज तक जांच प्रक्रिया प्रारंभ नहीं किया जा सका है।जो ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
इन 7 बिंदुओं पर जांच करने हुई है शिकायत ------
(1) पंचों की मानदेय की राशि पिछले 6 माह से निकालकर वितरण नहीं किया गया।
(2) फरवरी माह से ग्राम पंचायत में ना ग्राम सभा लिया गया और न ही मासिक बैठक आयोजन किया गया है I
(3) नल सोकता निर्माण कार्य का 6 माह बाद भी भुगतान नहीं किया गया है।
(4) शौचालय निर्माण का की राशि सचिव की निष्क्रियता की वजह से भुगतान लंबित है।
(5) ग्राम पंचायत में मासिक बैठक किया गया था जिसमें पंच व उपसरपंच द्वारा पिछले छह माह की आय व्यय की जानकारी मांगने पर आगामी बैठक में देने की बात कह कर सातवां से बैठक नहीं लेटे हुए मनमाने ढंग से पंचायत का संचालन किया जा रहा है।
(6) पंचायत कार्यालय में सरपंच सचिव की अनुपस्थिति होने से आमजन को अपने कार्यों के लिए भटकना पड़ता है।
(7) प्राथमिक शाला प्रांगण की शासकीय पानी टंकी को अंडरग्राउंड पाइप बिछाकर निजी उपयोग के लिए दिया गया है।
सूरज साहू एसडीएम कोटा -----
ग्राम पंचायत सेमरा की शिकायत पर जांच करने जनपद सीईओ को लेटर भेजा गया है।जांच उपरांत जो भी तथ्य सामने आयेगा उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।