प्रधानमंत्री सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे भारी वाहन ओवरलोड वाहन बिगाड़ रहे सड़कों की सूरत,।

प्रधानमंत्री सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे भारी वाहन ओवरलोड वाहन बिगाड़ रहे सड़कों की सूरत, जिम्मेदार अधिकारी मौन।
बिलासपुर।कोटा से पंडरापथरा ग्रामीण क्षेत्र में जाने वाली सड़कों पर भारी वाहनों के चलने से प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी सड़क क्षतिग्रस्त हो रही हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी बिलकुल ही ध्यान नहीं दे रहे हैं।बता दें कि कोटा से पंडरापथरा मार्ग, में भारी वाहनों के चलने की वजह से सड़क टूट रही है, जबकि बडे़ वाहनों का वजन प्रधानमंत्री सड़कों की क्षमता से अधिक रहता है। इसके बावजूद इन भारी वाहनों से निर्धारित क्षमता से अधिक यानी ओवरलोड होकर रेत से भरा हाईवा वाहन तेज रफ्तार से सड़कों पर दौड़ते देखे जा रहे है।
जिससे सलका ,नवागांव, बरर, के ग्रामीण क्षेत्रों की प्रधानमंत्री सड़क लगातार क्षतिग्रस्त होती जा रही हैं। लेकिन प्रधानमंत्री सड़क योजना के जिम्मेदार अधिकारी ओवरलोड वाहनों की आवाजाही में प्रतिबंध नहीं लगा पा रहे है।वैसे प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण ग्रामीण अंचलों को मुख्य मार्ग के जोड़ने के लिए किया गया है। इतना ही नहीं इन सड़कों पर निर्धारित क्षमता से अतिरिक्त भार वाहनों में पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है।लेकिन कोटा क्षेत्र के रतखंडी, पंडरापथरा मार्ग में क्षमता से अधिक लोड लेकर वाहन खुले आम सड़कों पर दौड रहे है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ओवरलोड वाहन गांव की सकरी सड़कों पर तेज गति से दौड़ते है। जिससे दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है।पूरे मामले को लेकर जब प्रधानमंत्री कार्यपालन अभियंता वरुण राजपूत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारी प्राधनमंत्री सड़क 25 टन की बनी हुई है,जिसमें रेत घाट की गाड़िया 40 से 50 टन लोड लेकर चल रही है, इसकी चर्चा भी समान्य सभा की बैठक मे की गई है, इस विषय में सांसद से भी चर्चा किया गया है,लेटर भी दिया गया है, कलेक्टर द्वारा आरटीओ को निर्देशित भी किया गया है। ट्रक चलने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क नहीं होती है, आपको बता दे की इस सड़क पर ट्रक चालकों द्वारा नियम कायदे को ताख पर रख कर वह मनमानी करते हैं। जिसकी वजह से सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। बहरहाल देखने वाली बात है ,सूचना के बाद भी धड़ल्ले 40 से 50 टन लोड लेकर दौड़ रही वाहनों पर कब और क्या कार्यवाही होती है।

