धर्मसमाजिकसंस्कृति

पिता ने 40 वर्ष पहले समाज के लिए दिया जमीन,पिता के भवन बनाने अधूरे इच्छा को बेटे ने किया पुरा,निभाया अपना फर्ज।

बिलासपुर | दान एक ऐसा कार्य है जिसके द्वारा हम न केवल धर्म का पालन करते हैं बल्कि समाज एवं प्राणीमात्र के प्रति अपने कर्तव्यो का पालन भी करतें हैं।दान के विषय में हम सभी जानते हैं। दान अर्थात देने का भाव,अर्पण करने की निष्काम भावना है।आधुनिकता एवं भौतिकता की अंधी दौड़ में हम लोग देना तो जैसे भूल ही गए हैं। हर संबंध व हर रिश्ते को पहले प्रेम, समर्पण,त्याग व सहनशीलता से दिल से सींचा जाता था लेकिन आज ? आज हमारे पास समय नहीं है, क्योंकि हम सब दौड़ रहे हैं 40 वर्ष पहले सिरगिट्टी निवासी स्व.सरदार संतोष सिंह खनूजा ने सूर्यवंशी समाज को जमीन दान देने की सोची और वह अपने सोच को कुछ दिनों बाद सार्थक भी की कुछ समय बाद वह स्वर्ग सिधार गए परंतु उस जमीन पर भवन बनाकर देनें का सपना उनका अधूरा रह गया। स्वर्गीय सरदार संतोष सिंह के सुपुत्र सतनाम सिंह खनूजा को अपने पिता की इच्छा और भवन बनाने की बात याद रही जिसने अपने पिता की इच्छा अनुशार शानदार सामुदायिक भवन बना कर नवरात्री के अष्टमी के दिन सूर्यवंशी समाज को समर्पित कर दिया ।इसके पहले अष्टमी के दिन कन्याओं को भोज कराने का रस्म पूरा करते हुए सूर्यवंशी समाज की नन्ही बालिका के हाथों भवन का लोकार्पण कराते हुए भवन के अंदर 31 कन्याओं का पैर धुलाकर, पैरों में आलता लगाकर ,सभी कन्याओं की पूजा किया और उन्हें भोजन कराकर फल बांटे। सिरगिट्टी जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सतनाम सिंह खनूजा तथा उनकी धर्मपत्नी और राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती पूजा खनूजा के द्वारा सूर्यवंशी समाज की कन्याओं को भोज उपरांत यथा योग्य उपहार भी दिए।सामुदायिक भवन बन जाने से सूर्यवंशी समाज के नागरिकों में हर्ष है।भवन के लोकार्पण और कन्या भोज के दौरान बड़ी संख्या में समाज के व अन्य नगरवासी उपस्थित रहें जिन्हें भोजन कराया गया।इस अवसर पर सिरगिट्टी प्राथमिक केंद्र के डॉक्टर संतोष सिंह,डॉ रजनी रघुवंशी,मनोज जायसवाल,रमाशंकर तिवारी,चरणजीत सिंह,रणजीत सिंह,परमजीत सिंह,आसाराम खरे,आरती शुक्ला,प्रसाद राव सहित बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।

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