बिलासपुर किसी भी पापी की बुराई करने वाला व्यक्ति उस पाप के 6 हिस्से में से पांच हिस्से का भागी हो जाता है, क्योंकि उसके मन में बराबर होगा कि उससे भी कह दे.उससे भी कह दें। वह कहता ही रहता है, इस प्रकार उस व्यक्ति का प्रायश्चित हो जाता है। हमारी चालाकियां हमें अंधकार में रखती है और हमारी आत्मा को पद दलित कर देती है। आत्मा के पद दलित हो जाने के बाद काल, कर्म तथा ईश्वर को हम मिथ्या दोष लगाते फिरते हैं। हमें जो पीड़ा का सामना करना पड़ता है, यह हमारी दुर्बुद्धिता के कारण सहना पड़ता है।
यह बातें सर्वेश्वरी समूह शाखा सेंदरी कोनी के अघोर पीठ आश्रम में अघोरेश्वर राम के 85वेंअनन्य दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में महाप्रभु का संदेश सुनाते हुए शाखा मंत्री उमेशनारायण मिश्र ने कहा। कार्यक्रम के पूर्व आश्रम वासी स्वयं सेवकों एवं सर्वेश्वरी सैनिकों द्बारा श्रमदान कर आश्रम परिसर की साफ सफाई की गई।आश्रम परिसर को महाप्रभु के वाणियों के बैनर फूलों वंदन वालों से सुसज्जित किया गया।
सफल योनि का पाठ आश्रमवासियों द्बारा सुबह आश्रम प्रांगण से खाली कलश लेकर सामूहिक संकीर्तन के साथ अरपा नदी से जल भरकर जयघोष के साथ कलश परिक्रमा की गई।इसके बाद उमेश नारायण मिश्रा ने ध्वज पूजन किया तथा सामूहिक संकीर्तन के बाद पूजा आराधना कर आरती की गई एवं ग्रंथ सफल योनि का पाठ किया गया।कार्यक्रम का संचालन धर्मेंद्र कुमार श्रीवास ने एवं समापन भगवान दास ने अपने विचारों से अवगत कराते हुए धन्यवाद ज्ञापन कर किया।
द बिलासा टाईम्स