बिलासपुर संभागरमेश भट्ट - एडिटर& चीफ।रोजगार
इस दिवाली में गोबर और मिट्टी से बने ईको फ्रेंडली दीये, उपयोग के बाद बन जाएंगे खाद बिहान योजना के तहत ग्राम की महिलाओं ने तैयार किए मिट्टी और गोबर से दिये।
बिहान योजना के तहत ग्राम की महिलाओं ने इको फ्रेंडली दीये तैयार किए हैं. यह दिये मिट्टी और गोबर से बनाए गए हैं।
कोटा। दीपावली पर्व पर शायद ही ऐसा कोई घर हो जहां दीये जगमगाते हुए न दिखे. मिट्टी के दिए चलन में है, लेकिन बिलासपुर जिले के कोटा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत करगी खुर्द ,व ग्राम पंचायत परसदा की महिला स्व-सहायता समूह ने एक कदम और आगे बढ़ कर इको फ्रेंडली दीये तैयार किये हैं।
जिसे गोंद मिली हुई मिट्टी और गोबर से बनाया गया है. दीपावली के दिन यह दीये घर तो रोशन करेंगे ही उपयोग के बाद पूरी तरह से डीकंपोज होकर मिट्टी में मिल जाएंगे और खाद का काम करेंगे. जिससे मिट्टी की उर्वता शक्ति भी बढ़ेगी.गोबर और मिट्टी से बने ईको फ्रेंडली दीये,
इको फ्रेंडली दीये बिहान योजना के तहत काम करने वाली कोटा जनपद के ग्राम परसदा, व करगी खुर्द की महिलाओं ने तैयार किया है. जिसे कोटा जनपद में स्टॉल लगाकर बेचा जा रहा है,
व्यवसाय कर रहे ग्राम परसदा के जय मां चंडी समूह व ग्राम करगीखुर्द के जय मां सेंदुरा, महिला समूह ने खुशी जाहिर की 5 रुपये प्रति दिये दर बिक रहा समूह की महिलाओं ने बताया कि ‘इको फ्रेंडली दीये तैयार करने में प्रति दीया लागत 2 से 3 रुपये की आती है. जिसे वे 5 रुपये प्रति दीये की दर से बेच रहे हैं. जिन लोगों को इन दियों की जानकारी है।वे खुशी-खुशी इन दीयों को खरीदारी कर घर ले जा रहे हैं।