बिलासपुर संभाग

जल,जंगल,जमीन के साथ आत्मनिर्भर बन रही ग्रामीण महिलाएं। नशा मुक्ति अभियान चलाकर गांव को बना रहे आदर्श ग्राम।

 

बिलासपुर। कोटा गैर सरकारी संगठन प्रेरक संस्थान राजिम के तत्वाधान में आदिवासी की बाहुल्य क्षेत्र की जल,जंगल,जमीन के संवर्धन संरक्षण करने जोर दिया जा रहा है। कोटा ब्लॉक अंतर्गत 20 गांव को चिन्हित किया गया है। संस्था के राम बिहारी यादव द्वारा गांव में पहुंचकर पर्यावरणीय मुद्दे एवं जलवायु परिवर्तन,ग्लोबल वार्मिंग,जंगल का दोहन, वनों की अवैध कटाई से पशु पक्षी पर होने वाले दुष्प्रभाव, जीवका पाजन के साधन के लिए वनोत्पादन को बढ़ावा देना, जुआ ,शराब जैसी अभिशाप से गांव मुक्त कराने गांव में जन जागरूकता फैलाई जा रही। पेड़ों की कटाई होने से अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे पशु पक्षी को बचाने,शराब और जुए की लत से बिखरते गांव को सावरकर आदर्श गांव के रूप में स्थापित करने, हर्रा,बहेरा जैसे वन उत्पादन को बढ़ावा देकर आय के साधन में शामिल करने गांव की स्व सहायता समूह की महिलाये आगे आकर संगठन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। महिलाएं लगातार संघर्ष कर रही है।जिसकी वजह से अब ये 20 गांव विकास की नई राह बुन रही है।

शिवतराई में नशा मुक्त समाज पर जोर

आदिवासी बाहुल्य वनांचल क्षेत्र ग्राम पंचायत शिवतराई में महिला समूह के साथ बैठक कर शराबबंदी पर विशेष चर्चा करते हुए समाज को नशा मुक्त बनाने जागरूक किया गया। शराब के बंद हो जाने से परिवार के साथ समाज में भी सुधार होगा। नशे से मुक्त होकर युवा पीढ़ी विकास की ओर अग्रसर होंगे।वहीं गांव की महिलाएं स्वरोजगार व आत्मनिर्भरता के लिए वर्मी कंपोस्ट बत्तख पालन एवं हल्दी की खेती कर समाज में मिसाल पेश कर रही है।

परंपरागत नक्शा बनाने सुझाव।

ग्राम पंचायत कंचनपुर में वन अधिकार समिति के सचिव ग्राम सरपंच एवं कोर ग्रुप के सदस्य को सीएफआर पर बनाए गए परंपरागत नजरी नक्शा का अवलोकन कर सामुदायिक अधिकार हेतु नक्शा बनाने सुझाव दिया गया। जिसमें चांद मुनारा बनाकर पेड़ ,तालाब,नदी,नाला,सड़क मार्ग को चिन्हाकित कर रहे हैं।

सामाजिक बुराई हटाने दो-दो हाथ करती महिलाएं

ग्राम उमरिया में स्व सहायता समूह की महिलाएं आज क्षेत्र के लोगों के लिए मिसाल साबित हो रही है।अवैध शराब जैसी सामाजिक बुराई से दो दो हाथ करते हुए गांव में शराबबंदी के लिए जागरूकता लाने महिलाएं अधिक और निडर होकर खड़ी हुई है। नशा मुक्त गांव बनाने हाथ में डंडा लेकर चौक चौराहों मैं घूमती है। शराब बनाते पकड़े जाने पर अर्थदंड करती हैं।जिसकी वजह से बीते दो-तीन माह की तुलना में गांव के लोगों में सुधार हुआ है।

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