गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए जनपद सदस्य प्रतिनिधि -अजय यादव
बिलासपुर तखतपुर विधानसभा के अंतर्गत जनप्रतिनिधि अजय यादव जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 05 ग्राम पंचायत करनकापा में परम पूज्य गुरु_घासीदास बाबा जी की 263 जयंती कार्यक्रम में अतिथि के रुप में शामिल हुआ।
अजय यादव ने बाबा गुरु घासीदास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में गिरौद नामक ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम मंहगू दास तथा माता का नाम अमरौतिन बाई था और उनकी धर्मपत्नी का सफुरा भाई था। उन्होनेें ने कहा कि गुरु घासीदास का जन्म ऐसे समय हुआ जब समाज में छुआछूत, ऊंचनीच, झूठ-कपट का बोलबाला था, बाबा ने ऐसे समय में समाज में समाज को एकता, भाईचारे तथा समरसता का संदेश दिया।
घासीदास की सत्य के प्रति अटूट आस्था की वजह से ही इन्होंने बचपन में कई चमत्कार दिखाए, जिसका लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा। गुरु घासीदास ने समाज के लोगों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने न सिर्फ सत्य की आराधना की, बल्कि समाज में नई जागृति पैदा की और अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग मानवता की सेवा के कार्य में किया। इसी प्रभाव के चलते लाखों लोग बाबा के अनुयायी हो गए। फिर इसी तरह छत्तीसगढ़ में ‘सतनाम पंथ’ की स्थापना हुई। इस संप्रदाय के लोग उन्हें अवतारी पुरुष के रूप में मानते हैं। गुरु घासीदास के मुख्य रचनाओं में उनके सात वचन सतनाम पंथ के ‘सप्त सिद्धांत’ के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इसलिए सतनाम पंथ का संस्थापक भी गुरु घासीदास को ही माना जाता है।बाबा ने तपस्या से अर्जित शक्ति के द्वारा कई चमत्कारिक कार्यों कर दिखाएं। बाबा गुरु घासीदास ने समाज के लोगों को प्रेम और मानवता का संदेश दिया। संत गुरु घासीदास की शिक्षा आज भी प्रासंगिक है। पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में गुरु घासीदास की जयंती 18 दिसंबर से एक माह तक बड़े पैमाने पर उत्सव के रूप में पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जाती है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ग्राम पंचायत करनकापा के पूर्व सरपंच प्रमोद कौशिक, राजा यादव, विक्की यादव, संत कुमार बघेल, कार्यक्रम के आयोजक,शत्रुहन बंजारे, मायाराम अनंत, रमेश नवरंग, रामलोचन ,सुखीराम ,जीवराखन, सोनी,शिवकुमार ,रामेश्वर, पकालू ,विजय ,शिवकुमार ,भरत,जगमोहन ,माखन ,राजा ,रामेश्वर, सहदेव ,लखन, रमेश, डमरु , पकालू,अर्जुन ,रामशरण ,दशरथ ,सरजू ,आसाराम ,यदुराम, भागी साहू, विष्णु ,चंदन लाल, जानू राम के साथ-साथ दूरदराज से आए हुए जनमानस अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित रहे ।