ग्रीन पार्क कॉलोनी में लूट के आरोपियों की हुई गिरफ्तारी,आरोपी को पकड़ने पुलिस ने 10 हजार से अधिक मोबाइल नंबर और सैकडों सीसीटीवी कैमरे खंगाले।आखिर में आरोपी निकला पुर्व कर्मचारी।
[Editor in chief sanjay yadav]
बिलासपुर शहर के ग्रीन पार्क कॉलोनी में हुई लूट की घटना में शामिल आरोपियों को भारी मशक्कत के बाद पकड़ने में बिलासपुर पुलिस को सफलता मिली है।
BSP पुलिस ने दस दिनों के भीतर आरोपीयो को पकडा।
दरअसल इस पूरे घटनाक्रम को सिविल लाइन और बिलासपुर पुलिस ने गंभीरता से लिया चूंकि इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले चोर शातिराना तरीके से घटना को अंजाम दिया था।अज्ञात आरोपीयो के वारदात को चुनौती के रूप में लेते हुए पुलिस 10 दिनों तक मेहनत की और आखिरकार तह तक पहुंचने में सफलता भी हासिल कर ली।
आठ टीमों का पुलिस ने किया गठन,अलग अलग टास्क से सुलझा मामला।
इस मामले को सुलझाने के लिए बिलासपुर पुलिस आठ टीमों का गठन किया गया था।और खास बात सभी टीमों को भी भिन्न-भिन्न टास्क दिया गया था।और इसी के तहत पुलिस काम भी कर रही थी।किसी को उसके घर काम करने वालों की पड़ताल,किसी को सीसीटीवी,किसी को मित्र व दोस्तों,जैसे कई प्रकार की जिम्मेदारी दी गई थी।पकड़े गए आरोपियों के पास से सोने चांदी के जेवर और अन्य सामान सहित लाखों का माल भी पुलिस ने बरामद किया गया है।
इस प्रकरण में क्या था पुरा मामला समझें
गौरतलब है कि 15 दिसंबर की शाम करीब 7:00 से 7:30 के बीच दो युवकों ने ग्रीन पार्क कॉलोनी में कपड़ा व्यवसाई के घर पर धावा बोलकर उनकी पत्नी पार्वती आडवाणी को बंधक बनाकर उसके सिर पर वार करते हुए हाथ को बांधकर घर में रखे सोने चांदी के जेवर लूट लियें और घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए थे।इस पूरे घटनाक्रम के बाद पुरे एरिया में लूट की घटना से हडकंप मच गया।साथ ही साथ पुलिस भी सकते में आ गई। पुलिस ने इस मामले को कड़ी चुनौती मानते हुए लूट कांड का पर्दाफाश करने टीमों का गठन किया गया था।
पुलिस ने 10 हजार से अधिक मोबाइल नंबर और सैकडों सीसीटीवी कैमरे खंगाले 50 से अधिक मोबाइल नंबर का साथ सीडीआर निकाला।
इस पूरे मामले में फॉरेंसिक,तकनीकी सहित अन्य पहलुओं का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया 10 हजार से अधिक नंबर और 50 से अधिक मोबाइल नंबर का सीडीआर भी निकाला गया।घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरा की जांच की गई और अलग-अलग लोगों से पूछताछ भी की गई। इस पूरे मामले में पीड़ित परिवारों के संपर्क में आने वाले लोगों की कड़ी दर कड़ी जांच की गई और उनसे पूछताछ की गई।
नौकर ही निकला मास्टरमाइंड अपने शातिराना चोर दोस्त के साथ दिया था घटना को अंजाम।
संदेहियो से पूछताछ के आधार पर एक कर्मचारी जो पूर्व में पीड़ित आडवाणी परिवार की दुकान में काम कर चुका है उसके बारे में जानकारी हासिल की गई। इसके बाद एक विशेष टीम संदेही युवक रवि भोंसले जो कि टिकरापारा निवासी है उसके लिए मुखबिर लगाई पुलिस ने इस पूरे मामले में आरोपी रवि भोंसले को हिरासत में लेकर पूछताछ की जिससे कड़ाई से पूछताछ करने पर अपने ही दोस्त जो कोनी थाना क्षेत्र के देव नगर के पीछे बॉम्बे आवास में रहने वाले दीपक यादव के साथ लूट की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया।
मकान का पहले रेकी की फिर घटना को अंजाम देकर पैदल ही निकल लिए।
इन आरोपियों ने पहले तो मकान की पूरी तरह से रेकी की और फिर अलग-अलग रास्ते से घटनास्थल पहुंचे। जब 7:00 बजे मनोहर आडवाणी अपनी स्कूटी से घर से निकल गए तो यह दोनों दीवार को फांद कर कमरे में दाखिल हुए और यहां उनकी पत्नी पार्वती आडवाणी को बंधक बनाकर मारपीट करते हुए सोने चांदी के जेवर और 14 हजार नगद को लेकर पैदल व्यापार विहार रोड से भाग गए।इन आरोपियों ने पैसे का बंटवारा भी कर लिया जिसमें कुछ खाने पीने में खर्च हो गए और जेवरों की फिराक में थे लेकिन सफल नहीं हो पाए।
18 तोला सोना 57 तोला चांदी समेत अन्य समान पुलिस ने कि जप्त।
फिलहाल पुलिस ने लूट की इस घटना में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और इनके पास से 18 तोला सोने के जेवर और 57 तोला चांदी के जेवर समेत अन्य सामान जप्त किया है।बरामद किए गए सामान की कीमत 10 लाख रुपये बताई जा रही है।
DGP ने दी 50 हजार का IG ने दियें 20 हजार SP ने दियें 10 हजार इनाम।
इस पूरी कार्यवाही में टीमों की प्रशंसा करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा नगद इनाम की घोषणा भी की गई है।टीम की सफलता पर डीजीपी डीएम अवस्थी द्वारा 50,000,रेंज आईजी दीपांशु काबरा द्वारा 20,000 व पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल द्वारा 10,000 नगदी इनाम की घोषणा की गई है।जिस की जानकारी पुलिस कप्तान ने मीडिया को दी।
इस पुरी कार्यवाही में बिलासपुर पुलिस की इनकी रही भूमिका।
पुलिस कप्तान के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेश कश्यप,नगर पुलिस अधीक्षक आरएन यादव, निरीक्षक शनिप रात्रे, कलीम खान परिवेश तिवारी,उप निरीक्षक,,सागर पाठक, मनोज पटेल,मोहन भारद्वाज,साइबर सेल बिलासपुर से उप निरीक्षक मनोज नायक,अजय वारे,स.उ.नि जितेश सिंह,भरत राठौर,हेमंत सिंह,प्रधान आरक्षक शोभित कैवर्त्य,चंद्रकांत डहरिया,अशोक कश्यप,आरक्षक सरफ़राज़ खान,जय साहू,देवेंद्र दुबे,विकास यादव,अविनाश पांडेय, संजीव जांगड़े,मनोज बघेल,गोकुल जांगडे, नुरुल कादिर,सोनू पाल,तदबीर पोर्ते,अशफाक अली,साजिद खान,दीपक उपाध्याय,राहुल सिंह एवं अन्य की महत्वपूर्व भूमिका रही।
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