दो लोगों पर हमला कर मौत का नींद सुलाने वाला खतरनाक भालू,कानन मे इलाज के दौरान तोड़ा दम
बिलासपुर के कानन पेंडारी में कटघोरा वन मंडल से रेस्क्यू कर भनवारटंक के जंगल में छोड़ा गया भालू के द्वारा फिर आदमियों के उपर हमला करने पर वन विभाग के टीम पकडकर कानन पेंडारी जू में लाकर रखा गया था जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
दरअसल कोरबा जिले में एक महिला और बिलासपुर जिले में एक व्यक्ति के उपर हमला कर मौत के घाट उतारने वाले आदमखोर भालू का गुरुवार रात तकरीबन 9:30 बजे मौत हो गया जिसका पी एम कर अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया गया।जानकारी के मुताबिक भालू को 5 दिन पहले रेस्क्यू किया गया था। जिसे पकड़कर कानन पेंडारी के चिड़ियाघर में लाकर रखा गया है।
आदमखोर भालू कोरबा में भी एक महिला को मौत के घाट उतारा था।
कोरबा जिले के कटघोरा वन परिक्षेत्र में 5 दिन पहले दो वृद्ध महिलाएं जो नवापारा गांव की रहने वाली है।जिसकी उम्र 70 और 65 वर्ष थी।उन्हें राह चलते समय उसपर भालू ने हमला कर दिया था।जिसमें से एक महिला घायल हो गई थी जबकि दूसरे महिला को घसीट कर भालू जंगल ले गया था अगले दिन उसका शव मिला। जिसके बाद 3 से 4 घंटे रेस्क्यू कर कानन पेंडारी की टीम ने भालू को कोरबा के जंगल से लाकर भनवारटंक के जंगल में छोड़ था।
जंगल में राह चलते बुजुर्ग के उपर भी इसी भालू ने कर दिया था हमला।
इसी दौरान रेस्क्यू कर लाया गया भालू को मरवाही रेंज के भनवारटंक के जंगल में छोड़ दिया था।यहां भी भालू ने एक व्यक्ति के ऊपर फिर हमला कर दिया जिससे उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद वन विभाग की टीम ने उस भालू के उग्रपन को देखते हुए। पकड़ कर उसे कानन जू ले आया जहां उसका इलाज जारी रहा था।उग्र भालू खाना पीना भी कम कर दिया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई जिसके बाद उसका पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार।वही विभाग के अधिकारी ने बताया कि भालू रेबीज से संक्रमित था जिसकी वजह से वह राहगीरों को देखकर हमला कर देता था।जब से रेस्क्यू कर उसके इलाज के लिए लाया गया तब से वह खाना पीना छोड़ दिया था।