उन नन्हे बच्चों का क्या क्या कसूर,जो टिका लगने के बाद हो गई मौत,जिम्मेदार कौन?
उन नन्हे बच्चों का क्या क्या कसूर,जो टिका लगने के बाद हो गई मौत,जिम्मेदार कौन?
कोटा। कहते हैं एक तरफ की डॉक्टर भगवान के समान होते हैं, और उसी भगवान रूपी डॉक्टर के हाथों टिका लगने के बाद भगवान रूपी नन्हे बच्चों की मौत हो जाना एक सोचनीय विषय है, कही लगाई गई टिका बीसीजी मे कोई गड़बड़ी तो नहीं जिससे सात बच्चों की टीका लगने के बाद तबियत बिगड़ जाना और उसके बाद दो बच्चों की मौत हो जाना जाँच का विषय है। आपको बता दें की नवजात बच्चों को तपेदिक (बीसीजी) का टीका लगाने से लगभग सात बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से दो बच्चों की मौत हो गई है। मामला कोटा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पटैता के कोरीपारा की है। यहां के आंगनबाड़ी केंद्र में नियमित टीकाकरण के तहत शुक्रवार को बीसीजी का टीका लगाया। टीका लगने के लगभग आठ घंटे बाद दो दिन के एक मासूम बच्चे की मौत हो गई। वहीं शनिवार को एक दो माह के बच्चे ने ईलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वही एक बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है। जैसी ही इसकी जानकारी लगी, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। शनिवार की देर शाम ही डाक्टरों की टीम प्रभावित गांव पहुंच गई और बचे बच्चों को इलाज के लिए देर रात को ही जिला अस्पताल भेजा गया है। नियमित टीकाकरण के तहत शुक्रवार की सुबह नौ बजे से पटैता के कोरोपारा आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण शुरू किया गया। यहां टीका लगवाने के लिए कुल सात बच्चों को लाया गया। सभी को एक-एक करके बीसीजी का टीका लगाया और बताया गया कि टीका के असर की वजह से बच्चों को बुखार आएगा और उसकी दवा देकर घर भेज दिया गया। शुक्रवार की शाम को ही कोरीपारा में रहने वाली सत्यभामा पति रविंद्र के बच्चे शशांत मानिकपरी की हालत बिगड़ने लगी। शुरू में लगा की टीका लगने की वजह से ऐसा हुआ है, लेकिन उसकी हालत बिगड़ते ही जा रही थी और कुछ देर बाद उस बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि हालत बिगड़ने के साथ ही बच्चे का चेहरा नीला पड़ गया था। वही शनिवार की सुबह धनेश्वरी पति राकेश गंधर्व के दो दिन के बच्चे की हालत भी बिगड़ने लगी, उसे भी टीका लगाया गया था, उसका चेहरा भी हल्का नीला पड़ने लगा और कुछ देर बार उसकी मौत हो गई। गांव वालों को जैसे ही इसकी जानकारी लगी तो आशंका जताया कि टीका के साइडइफेक्ट की वजह से दोनों बच्चों की जान गई है। इसके कुछ देर बाद यह बात सामने आई कि टीका लगने वाले अन्य बच्चों की तबीयत भी बिगड़ते जा रही है। यह सुनकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। इसके बाद आननफानन में इसकी जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई। जानकारी लगते ही स्वास्थ्य अमला को समझ आ गया कि कुछ बड़ी गड़बड़ हो गई और शनिवार की देर शाम गांव पहुंच गए और मौत की वजह तलाशने लगे। लेकिन इन सब में एक बात ग्रामीणों ने साफ कर दी कि शुक्रवार को जितने भी बच्चों को टीका लगा है, उनकी हालत बिगड़ी है। छह बच्चों भी बीमार हालत में मिले। ऐसे में रात में ही सभी बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में भर्ती कराया गया। लेकिन बच्चों की हालत लगातार बिगड़ते ही जा रही थी, इन बातों को ध्यान में रखकर सभी को रात में ही जिला अस्पताल भेज दिया गया। घटना के सूचना के बाद समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच कर तहसीलदार प्रकाश चंद साहू ने टिका लगे हुए बच्चों का बिगड़ते हालत को देखकर देर रात तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ही रहे, घटना की जानकारी मिलते ही ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष आदित्य दीक्षित सहित कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी देर रात तक सवास्थ्य केंद्र में ही रहे, आदित्य दीक्षित ने मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने मांग की है।