बिलासपुर संभाग

ग्राम पंचायत के लोग कर रहे हैं पलायन।और सरपंच पति मनरेगा के कार्यों में अपनी हाजिरी डलवा रहे ।

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत बहतरा सरपंच प्रतिनिधि पर फिट बैठती है।

खुद रोजगार सहायक बनकर करते हैं मनरेगा का काम, और शिकायत करते हैं रोजगार सहायक का।

ग्राम पंचायत के लोग कर रहे हैं पलायन।और सरपंच पति मनरेगा के कार्यों में अपनी हाजिरी डलवा रहे हैं।

मंडी चबूतरा निर्माण में गुणवत्ता हिंन चबूतरा निर्माण करवाया,अपने और अपने रिश्तेदारों की हाजरी स्वयं रोजगार सहायक बंन कर मस्टरोल जमा भी कर दिया।

संवाददाता रघु यादव✍️

मनरेगा के अन्य कार्यों में अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम डालने रोजगार सहायक पर डाल रहा दबाव। नहीं डालने पर खुद करते हैं रोजगार सहायक का काम।


मस्तूरी । जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बहतरा में सरपंच प्रियंका महानंद सरपंच है लेकिन पंचायत की सभी कार्यों में उसके पति नरेंद्र महानंद प्रतिनिधि के रूप में अपनी चलवा चलती चलाते हैं। सरपंच प्रतिनिधि नरेंद्र महानंद की खूब मनमौजी और विकास कार्यों में आए राशियों की बिना काम किए आहरण कर पंचायत राशि की फिजूलखर्ची को लेकर खूब ग्राम में चर्चित है।ग्राम में कोई प्रकार की विकास कार्य तो नहीं करा पाए जिसकी वजह से पंचायत में नाकारा साबित हो रहे हैं। जबसे पंचायत चुनाव में सरपंच पद की प्राप्ति हुई है तब से ग्राम पंचायत में एक भी विकास कार्य नहीं करा पाए। शासन की ऐसी कई योजनाएं है जिसे पंचायत के धरातल पर नहीं उतर पाए ग्राम वासियों के नजरों में सरपंच नकारा साबित हो गया है। ऊपर से पंचायत के खातों में कुछ राशि थे उसे भी कोविड-19 के समय प्रवासी मजदूरों के भोजन व अन्य सुविधाओं के नाम से लाखों रुपए का वारा न्यारा कर दिया आए हुए प्रवासी मजदूरों को भोजन न करा कर स्वंम भोजन की राशि खा लिया है। पिछले दो ढाई सालों में सरपंच के द्वारा विकास के नाम पर सिर्फ कागजी फाइल दिखाकर पंचायत के राशियों का दुरुपयोग करते नजर आया। दबंगाई पूर्वक शासन के योजनाओं के तहत मनरेगा से शेड निर्माण, समतलीकरण, डबरी निर्माण, गौठान निर्माण जैसी कार्यों में भी खूब गड़बड़झाला किया गया है। मनरेगा के तहत होने वाली विकास कार्यों में मजदुरी राशि खुद सरपंच पति अपनी ही नाम की हाजिरी डालकर शासन की राशि आहरण किए हैं जबकि पंचायती राज धारा का खुद उलंघन कर रहे है सरपंच तो अपनी हाजरी डलवा नही सकता है। गांव की जरूरत मंद मजदूर काम नहीं मिलने की वजह से एक तरफ जहां पलायन कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर गांव के ही जवाबदार सरपंच प्रतिनिधि नरेंद्र महानंद गरीबों के हक मार रहे हैं। ग्राम पंचायत के सोसाइटी में सरपंच प्रतिनिधि द्वारा बनाए गए धान मंडी में चबूतरा निर्माण , शेड व गौठान शेड निर्माण में इतनी गुणवत्ता हीन बनाई गई है कि निर्माण कार्य से बने शेड 6 माह भी नहीं टिक पाया है टूटने फूटने चालू हो गए। ग्राम पंचायत बहतरा के सरपंच पति नरेंद्र महानंद पंचायत की पूरी बागडोर संभालते हैं। लेकिन मनरेगा के अलावा किसी भी मद या विकास योजना के तहत कोई भी कार्य नहीं करवा पा रहे हैं। जिसके कारण वे अपने नकारा पन से ग्राम वासियों के बीच नकारा साबित हो रहा है।

वहीं इस मामले में सरपंच प्रतिनिधि नरेंद्र महानंद का कहना है कि 2 वर्षों में सिर्फ मनरेगा के ही काम हुए हैं। विधायक मद से एक रंगमंच का निर्माण हुआ है बाकी शासन से कुछ राशि ही नहीं आया तो क्या चीज का विकास करु।

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