छत्तीसगढ़बिलासपुर संभाग

संभाग स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक संपन्न,धान छोड़ अन्य फसलों के लिए जलाशयों से पानी छोड़ने का निर्णय।

संभाग स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक संपन्न,धान छोड़ अन्य फसलों के लिए जलाशयों से पानी छोड़ने का निर्णय।

किसानों को समय पर खाद-बीज उपलब्ध कराने के निर्देश।

बिलासपुर, । कमिश्नर  डॉ. संजय अलंग की अध्यक्षता में संभाग स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में संभाग के विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं में जल उपलब्धता की समीक्षा कर रबी फसलों के लिए पानी दिये जाने निर्णय लिया गया। गरमी में धान की फसल को छोड़कर रबी की अन्य सभी फसलों के लिए जलाशयों से पानी दिया जायेगा। सिंचाई विभाग के अफसरों को मांग के अनुरूप पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। संभागायुक्त कार्यालय में प्रत्यक्ष रूप से आयोजित बैठक के साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए जिलों के कलेक्टर एवं उप संचालक कृषि एवं जनप्रतिनिधि संभागीय जल उपयोगिता समिति की इस बैठक में शामिल हुये। डॉ. अलंग ने सभी कलेक्टरों को एक सप्ताह में जिला स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए है।कमिश्नर डॉ. अलंग ने उपलब्ध जल संसाधन का इस्तेमाल फसल चक्र परिवर्तन किये जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को समझाया जाये कि दलहल-तिलहन एवं सब्जी की खेती ज्यादा फायदेमंद हैं। इसके लिए जरूरी खाद-बीज की उपलब्धता समय पर सुनिश्चित किया जाये। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रबी में 40 प्रतिशत बोआई का काम पूर्ण हो चुका है। प्रमुख रूप से संभाग में गेहूं,चना, मटर, सरसों, तिवड़ा आदि की फसलें ली जाती है। सिंचाई विभाग के अफसरों ने परियोजनावार जल उपलब्धता एवं सिंचाई क्षमता की संभावना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 30 प्रतिशत जल आपात स्थिति के लिए बचा कर रखे जाने के स्थायी निर्देश हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल 5 बड़ी सिंचाई परियोजना -मिनीमाता बांगो बांध में 82 प्रतिशत, खारंग में 88 प्रतिशत, मनियारी में 100 प्रतिशत, अरपा भैंसाझार बैराज में 42 प्रतिशत एवं केलो परियोजना में 96 प्रतिशत जलभराव उपलब्ध है।
मध्यम परियोजना के अंतर्गत घोंघा बांध में 59 प्रतिशत, केदार जलाशय में 96 प्रतिशत, पुटका जलाशय में 48 प्रतिशत, किंकारी जलाशय में 62 प्रतिशत एवं खम्हार पाकुट जलाशय में 65 प्रतिशत जलभराव शामिल है। कमिश्नर ने कहा कि डीएपी एवं बीजों की उपलब्धता पर सतत नजर रखें। इनकी मानीटरिंग करके समय पूर्व किसानों में वितरण सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि जलाशयों में पानी बचे रहेगा तो खरीफ के मौसम में अल्पवृष्टि अथवा खण्ड वृष्टि के समय किसानों की फसल बचाने के लिए उपयोग होगा। बैठक में कलेक्टर सौरभकुमार, जल संसाधन विभाग के सीई ए.के.सोमावार, एसई जे.आर.भगत एवं आर.के.इंदरवार सहित संभाग के सभी डिविजन के कार्यपालन अभियंता उपस्थित थे।

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