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बिलासपुर न्यायधानी में कुत्ते के साथ क्रूरता का वीडियो आया सामने, आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग..

बिलासपुर के इस न्यायधानी में कुत्ते के साथ क्रूरता का वीडियो आया सामने, आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग..

राकेश खरे ✍🏻

बिलासपुर । न्यायधानी बिलासपुर में पशु के साथ क्रूरता का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है । जिसमे एक अधेड़ व्यक्ति द्वारा कुत्ते के छोटे बच्चो को पत्थर से मारते हुए देखा जा सकता है।दरअसल पूरा मामला बिलासपुर के सरकंडा थाना अन्तर्गत क्षेत्र श्री विहार कॉलोनी का है। जहां पशुप्रेमी स्नेहा बुनकर द्वारा सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है की विहार कॉलोनी में हमारे द्वारा पशुओं को खाना खिलाया जाता है । व इनकी देखभाल की जाती है । जिसमे कॉलोनी में ही रहने वाले सुदेश गौरहा, डॉ गौरहा व परिवार के द्वारा पशुओ को खाना खिलाने से रोका जाता है। पशुओ को पत्थर से मारते हुए क्रूरता की जाती है, एवम् मना करने पर पशु प्रेमीयो के साथ गाली गलौज कर मारपीट किया जाता है। पूरे मामले में आवेदन के माध्यम से सरकंडा थाने में शिकायत कर गौरहा परिवार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है। पशु क्रूरता अधिनियम दरअसल बेजुबान जानवरों के खिलाफ होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया है। इसी अधिनियम की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड भी बनाया गया है। इस अधिनियम के तहत पशुओं पर क्रूरता करना अपराध है और ऐसा करने पर सजा का प्रावधान भी है। इस अधिनियम के अनुसार पशुओं को लाठी मारना, यातनाएं देना, पालतू जानवर को आवारा छोड़ना, बीमार या पागल होने पर जानवर को मार देना, पशुओं को जहर का इंजेक्शन देगा, पालतू जानवर को भोजन नहीं देना आदि पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है।

कितनी सजा का प्रावधान?
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत पशु क्रूरता संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है। इनकी सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकता है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर अपराधी पर कम से कम दस रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक का जुर्माना या अधिकतम तीन साल की सजा या दोनों हो सकते हैं।

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