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कोटा वनविभाग अतिक्रमण हटाने के बाद मामले को रफादफा करने डिप्टी रेंजर ने माँगी 10 हजार पीड़ित परिवार ने लगाया आरोप, ,

कोटा – कोटा वनविभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर एक परिवार को कर दिया गया बेघर, कोटा वनविभाग अंतर्गत ग्राम पंचायत मझगांव से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो कि गरीबो की आशियाना को ही उजाड़ दिया गया ।कोटा वनविभाग के रेंजर व डिप्टी रेंजर अपने टीम के साथ नवनिर्माण मकान को बल पूर्वक तोड़ दिया गया, तोड़ने के बाद बुजुर्ग, प्राथी को, कार्यवाही के नाम पर पकड़ कर भी लाया गया, जिसे रात भर बैठा कर रखा भी गया है, वहीँ परिजनों की माने तो, घर तोड़ने के बाद मामला को रफादफा करने राजीनामा,के लिए डिप्टी रेंजर चंद्राकर द्वारा 10हजार रुपए की मांग भी किया गया, लेकिन गरीब परिवार 10हजार कहाँ से लाए,10 हजार दे दिए होते तो शायद घर नहीं टूटता,व मामला रफादफा भी हो जाता। बता दें मझगांव में इसके अलावा वन विभाग व वन विकास निगम के जमीन पर अवैध अतिक्रमण सालों से होते आ रहा लेकिन संबंधित कर्मचारियों,अधिकारियों के उदासीनता के चलते, अतिक्रमण बढ़ते जा रहा। ऐसे कई लोग हैं जिनके द्वारा अवैध अतिक्रमण कर ।

अवैध कब्जा सड़क किनारे,

सड़क किनारे मकान निर्माण किया गया है लेकिन उसको हटाने में वनविभाग व वनविकास के पास कार्यवाही का कानून नहीं। अगर बना है तो सालों से कब्जा किए उन पर क्यों नहीं।? एक के लिए ही ।क्यू? जब इस मामले में, रेंजर उमेश वस्त्रकार से, जानकारी चाही गई तो उनका फोन ही रिसीव नहीं हुआ,। बहरहाल देखने वाली बात है कि पैसे की मांग करने वाले, डिप्टी रेंजर पर क्या कार्यवाही क्या जाँच होती है।

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