‘एस्ट्रोनॉमी अंडरस्टैंडिग द अर्थ’ में खगोल विज्ञान से जुड़ी धारणाओं को दर्शाया
साल में केवल दो बार ही सूर्य पूर्व से उदय होकर पश्चिम में अस्त होते है,बाकी समय सूर्य नॉर्थ से ईस्ट,साउथ से ईस्ट खिसकते जाते है।
बिलासपुर खगोल शास्त्र कहने पर सबसे पहले हमारे दिमाग में सूर्य,चांद तारे, ग्रहण ही आते है।लेकिन खगोल विज्ञान इससे कहीं आगे है।खगोल विज्ञान से इंडस्ट्री, एयरोस्पेस,एनर्जी,मेडिसिन,कम्युनिकेशन, कम्प्यूटिग,एनवायरनमेंटल साइंस,इमेजिग को न केवल परिभाषित किया जा सकता है, वरन इसे अच्छी रूप से समझा भी जा सकता है।यह बातें डॉ कलाम विज्ञान क्लब,अटल टिकरिग लैब,शा बहु उमा विद्यालय बिलासपुर और डॉ वशिष्ठ नारायण् विज्ञान क्लब,अटल टिकरिग लैब,जिला स्कूल गया बिहार के संयुक्त तत्वावधान में खगोल शास्त्र पर आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार में मुख्य वक्ता खगोलविद अमृतांशु वाजपाई ने कहा।
‘एस्ट्रोनॉमी अंडरस्टैंडिग द अर्थ’ पर उन्होंने बताया कि हमें गलत जानकारी है कि सूर्य पूर्व से उदय होकर पश्चिम में अस्त होते हैं, सच तो यह है की साल में केवल दो बार ही सूर्य पूर्व से उदय होकर पश्चिम में अस्त होते है।बाकी समय सूर्य नॉर्थ से ईस्ट,साउथ से ईस्ट खिसकते जाते है।यह भी गलत धारणा है की केवल सूर्य के अस्त होने से चंदा मामा निकलते हैं। उन्होंने खगोलीय बारीकियों कोपरनिकस,आइंस्टीन, न्यूटन के कार्यों को बाते हुए कई गलत धारणाओं पर प्रकाश डाला।
एस्ट्रोनॉमी गूढ़ और अनंत विषय
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अटल इनोवेशन मिशन नीति आयोग नई दिल्ली के रौनक वीजे ने कहा की एस्ट्रोनॉमी एक गूढ़ और अनंत विषय है, इस प्रकार के वेबिनर करने से ज्ञान का फ्लो होता है। उन्होंने आयोजन के लिए डॉ.कलाम विज्ञान क्लब के डॉ. धनंजय पाण्डेय, डॉ.राघवेंद्र गौरहा,ग्रुप कैप्टन वाय श्रीनिवास एवं डॉ.वशिष्ठ नारायण विज्ञान क्लब गया बिहार के डॉ.देवेंद्र सिह की सराहना की।
वेबीनार में छत्तीसगढ़ बिहार मध्य प्रदेश के 16 विद्यालय से लगभग 450छात्र और शिक्षकों ने सहभागिता प्रदान की। भाटापारा, मल्टीपरपस बिलासपुर, जिला स्कूल गया के छात्र और शिक्षकों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से एस्ट्रोनॉमी के बारे में जाना तथा मल्टीपरपज बिलासपुर में बीएड स्टूडेंट्स ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की
द बिलासा टाईम्स