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गुजरात को मिला नया मुख्यमंत्री…पाटीदार नेता भूपेंद्र भाई पटेल की हुई ताजपोशी।

गुजरात में मुख्यमंत्री पद के लिए तमाम बड़े नेताओं के नाम को किनारे कर जमीनी नेता और गुजरात के पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल के करीबी रहे घाटलोदिया के विधायक भूपेंद्र पटेल के सिर पर गुजरात के सरदार की पगड़ी सजा दी गई है। केंद्रीय पर्यवेक्षक मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और तरुण चुघ के नेतृत्व में आधे घंटे की विधायक दल की बैठक में पाटीदार नेता भूपेंद्र पटेल के नाम को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने का फैसला हुआ। जाहिर है आगामी दिसंबर में विधानसभा चुनाव को देखते हुए गुजरात में मुख्यमंत्री का चेहरा बदला गया हो लेकिन गुजरात और भाजपा को पीएम मोदी से अलग करके नहीं देखा जा सकता है। जिसे लोग चौकाने वाला फैसला कहते है बेहद सरल ढंग से भूपेंद्र पटेल को जो पहली बार विधायक बने और विधायक दल की बैठक अंतिम पंक्ति में बैठे थे उन्हें मुख्यमंत्री की कमान दे दी गई और पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी सहित चर्चा में आए सारे नेताओं ने पार्टी के निर्णय को अपना समर्थन देते हुए विकास की राह में गुजरात की जनता भलाई के लिए अपना समर्थन देते हुए नए मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। विजय रुपाणी भी साफ-सुथरी छवि के नेता रहे जिन्होंने 5 वर्षों तक गुजरात के विकास में अपना योगदान दिया। तमाम विश्लेषण और फीडबैक के बाद आखिरकार महामारी के बाद बदली हुई परिस्थितियों में बेहतर गवर्नेंस, संगठन और सरकार में बेहतर तालमेल बनाने के लिए गुजरात की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भूपेंद्र भाई पटेल को दी गई हैं।आने वाले दिनों में गुजरात मंत्रिमंडल का बदला हुआ चेहरा भी देखने को मिलेगा।बीजेपी के लिटमस टेस्ट की जारी कवायद के बाद राजस्थान , पंजाब और छत्तीसगढ़ की जनता को इंतजार रहेगा क्या कांग्रेस और राहुल गांधी ऐसा फैसला लेने का माद्दा रखते है या टालूराम की टालमटोल रिझाने में ही टलती रहेगी।बहरहाल सुशासन और जन कल्याण में गुजरात आगे बढ़ेगा, गुजरात के विकास को नई ऊर्जा मिलेगी और संगठन के विश्वास पर भूपेंद्र भाई पटेल खरे उतरेंगे ।

