छत्तीसगढ़बिलासपुर संभाग

अनुसूचित जाति और अन्य पारम्परिक वनवासियों को 6 हजार 700 से अधिक वन अधिकार पत्र वितरित।

 

बिलासपुर । जिले में भूमिहीन अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वनवासियों को 6 हजार 700 से अधिक व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। छत्तीसगढ़ शासन की पहल पर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्रदान करने की शुरूआत की गई। जिसके तहत् 9 अगस्त 2021 तक 5 हजार 332 हेक्टेयर से अधिक के 34 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार ग्राम सभाओं को प्रदान किया गया है। जिले में अनुसूचित जनजाति और अन्य पारम्परिक वनवासी वन अधिकार कानून (मान्यता, 2006 एवं संशोधन, 2012) के तहत् अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 6 हजार 159 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्रदान किया गया है। जिसका रकबा 2720.591 हेक्टेयर है। इसी तरह अन्य पराम्परागत वनवासियों को 98.309 हेक्टेयर रकबे के 53 वन अधिकार पत्र प्रदान किये गये। समुदायों की आजीविका, संस्कृति, खुशहाल जीवन तथा उनके विस्थापन को सुरक्षित करने के उद्देश्य से 563 सामुदायिक वन अधिकार पत्र जिले में वितरित किये गये हैं जिसका रकबा 624.422 हेक्टेयर है। बिलासपुर जिले के चार अनुविभागों में सार्वधिक व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्र तथा वन संसाधन अधिकार आदिवासी बाहुल्य कोटा अनुविभाग में मान्य किये गये हैं। कोटा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 5 हजार 27 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किया गया है। जिसका रकबा 2497.999 हेक्टेयर है। इस अनुविभाग में अन्य पारम्परिक वनवासियों के 49 व्यक्तिगत दावे स्वीकृत कर 98.135 हेक्टेयर रकबे का वन अधिकार पत्र उनको प्रदान किया गया है तथा 513 सामुदायिक वन अधिकार पत्र के दावे स्वीकृत कर 526.94 हेक्टेयर पर मान्यता दी गई है, साथ ही 6826.183 हेक्टेयर पर 31 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के दावे मान्य किये गये है।
मस्तूरी अनुविभाग में अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के 168 व्यक्तिगत दावे मान्य कर 45.583 हेक्टेयर रकबे का व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र तथा 93.250 हेक्टेयर के रकबे का 45 सामुदायिक वन अधिकार पत्र स्वीकृत एवं वितरित किया गया। बिल्हा अनुविभाग में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 45 व्यक्तिगत दावे मान्य कर वितरित किये गये। जिसका रकबा 5.218 हेक्टेयर है। यहां 4.248 हेक्टेयर के रकबे का 5 सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान किया गया है।
बिलासपुर अनुविभाग में अनुसूचित जनजाति वर्ग को 929 और अन्य पराम्परागत वनवासियों को 4 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्रदान किया गया। साथ ही सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के 3 दावे मान्य कर 684.039 हेक्टेयर पर वन संसाधन अधिकार संबंधित ग्राम सभाओं को दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2019 के बाद राज्य सरकार द्वारा जिले में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के 34 प्रकरणों के अंतर्गत 7510 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर ग्राम सभाओं को प्रबंधन का अधिकार प्रदान किया गया है।

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