बिलासपुर कोटा। खैरा एक और जहां लोग खेती के कार्य में व्यस्त है तो वहीं दूसरी ओर नियमित कोविड-19 टीकाकरण शिविर नहीं लगने से टीकाकरण करवाने लोगों में रूचि कम होने लगा है।18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को मई माह से टीका प्रारंभ होने के बाद भी अब तक अंचल के ग्राम पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य से कोसो दूर है।ऐसे में तीसरी लहर आने से पूर्व ग्रामीण अंचल में पुर्ण वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को चिंता सताने लगा हैं।
श्रावण मास की झमाझम बारिश से खरीफ फसल की रोपाई कार्य मे तेजी आ गई है।सूरज की किरणें निकलते ही किसान समय पर फसल मजबूत करने खेत की ओर चल पड़ते है। शायद यही वजह है कि टीकाकरण केंद्र में लोग कम आने लगे हैं।जून माह नियमित वैक्सीनेशन के दौरान ग्राम पंचायत खैरा में बिना संशय के लोग टीका लगवाने ग्रामीण प्रतिदिन बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे।एक दूसरे को देख लोगों मे उत्सुकता बनी हुई थी।ऐसे में कोविड-19 डोज की कमी से नियमित शिविर को बंद करना पड़ा।जो पूर्ण टीका के लक्ष्य तक नहींं पहुंचने का कारण बना हुआ है।
अचानक शिविर लगने से 10 ग्रामीणों को टीका लगाने जद्दोजहद करनी पड़ रही हैं।ग्राम पंचायत खैरा में लगभग 1200 मे ,चपोरा 2400 मे 800,सेेेेमरा 1600 मे 650 लोगों जो टीकाकरण लगवा लिया है। टीका की धीमी रफ्तार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के फैलाव का कारण बन सकता है।18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 1 मई से टीका प्रारंभ होने के बाद भी पूर्ण जागरूकता के अभाव में ज्यादातर ग्राम पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य से कोसो दूर है। सुदूर ग्राम पंचायतों में प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया शिक्षक घर घर जाकर ग्रामीणों को समझाइस देते रहे। बावजूद इसके लोगों में अब भी लोग वैक्सीनेशन के प्रति विश्वास मजबूत नहीं कर पा रहे हैं।ऐसे में तीसरी लहर आने से पूर्व ग्रामीण अंचल में पुर्ण वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को चिंता सताने लगा हैं।