छत्तीसगढ़बिलासपुर संभागसमाजिक

राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक कर रहे पक्षियों के लिए जल एवं दाने की व्यवस्था 

बिलासपुर अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर से संबद्ध डीपी विप्र महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों के द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पक्षियों के लिए दाना एवं पानी की व्यवस्था की जा रही है जिसके लिए स्वयंसेवक अपने आसपास के क्षेत्र में वेस्ट आप बेस्ट घर में निर्मित सामग्रियों से पक्षियों के लिए जल पात्र एवं दाने पात्र का निर्माण कर पक्षियों की सेवा कर रहे हैं l यह कार्य का नेतृत्व कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर रीना ताम्रकार एवं कार्यक्रम अधिकारी प्रोफ़ेसर यूपेश कुमार के द्वारा महाविद्यालय प्राचार्य डॉ अंजू शुक्ला के सफल मार्गदर्शन में किया जा रहा है l महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक एवं स्वयंसेवकों के द्वारा कार्य किया जा रहा है l

दिनचर्या में सम्मिलित – राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक साकेत कुमार चंद्रा बतलाते हैं कि वे प्रति दिन पक्षियों के लिए जल एवं दाने की व्यवस्था करने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करते हैं अब यह कार्य उनके दिनचर्या में सम्मिलित हो गया है ना केवल गर्मी के दिनों में अपितु बरसात के दिनों में भी पक्षियों के लिए दाने की व्यवस्था की जाती है ताकि पक्षियों को इधर-उधर न भटकना पड़े l

कागज के गत्ते से बनाया घर – अजय कुमार सोनवानी राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक पक्षियों के लिए पात्र में पानी रहते थे जो कि कुछ समय पश्चात गर्म हो जाया करता था सत्ता उन्होंने इसके उपाय स्वरूप कागज के गत्ते से एक सुंदर सा घोंसला नुमा घर का निर्माण किया जिसके परिणाम स्वरूप अब जल्द ठंडा भी रहता है और चिड़िया वहां पर आकर बड़ी आसानी से जल ग्रहण करती है l

प्लास्टिक बकेट से बनाया भोजन पात्र-विभांशु अवस्थी ने घर में पड़े अनुपयोगी प्लास्टिक बकेट को पक्षियों के लिए भोजन पात्र के रूप में इस्तेमाल करने की सोची और उन्होंने उस पर रस्सी लगाकर एक सुंदर भोजन पात्र का निर्माण किया और घर के आस-पास वृक्षों में बकेट में दाना डाल कर बकेट को रस्सी के सहारे लटका दिया जिससे कुछ ही समय पश्चात बड़ी संख्या में चिड़िया वहां आकर दाना चुगने लगी l

तंज़ीम बेगम ने सकोरे तथा पात्र में की व्यवस्था- राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविका तंज़ीम बेगम ने मिट्टी की छोटी मटकी में चावल के दाने तथा मिट्टी के सकोरे में पानी भर कर छत पर रखी और प्रतिदिन सुबह-शाम उसमें पानी व दाने भरती है जिससे पक्षियों को जल व भोजन मिलता रहे।

स्वयंसेविका रीना यादव ने धान की बाली पक्षियों के लिए भेंट की।

स्वयंसेविका रीना यादव द्वारा पेड़ों पर धान की बाली लटका कर पक्षियों की पहुंच में दाने लगा रखे हैं जिसके दानों को प्रतिदिन चिड़िया आकर चुगती है।धान की बालियों के निकट में ही एक पात्र में जल भर रखती है जिसमें थोड़ी-थोड़ी देर में जल खाली होने भर दोबारा जल डालती है।

सकोरे का प्रयोग कर पक्षियों की विलुप्ति को दूर करने का प्रयास।

स्वयंसेविका साक्षी साहू भी अपनी घर की छत पर मिट्टी के सकोरे पात्रों में चावल तथा दाल के दाने एवं पानी रखकर पंछियों के लिए भोजन व पानी की नियमित व्यवस्था कर रही है।

स्वयंसेवक कर रहे पशुओं व पक्षियों की सेवा।

स्वयंसेवक चितरंजन राठिया द्वारा नियमित रूप से पक्षियों के लिए भोजन व जल के पात्र भरकर घर की छत पर तथा पेड़ों की टहनियों पर बांधे गए हैं और साथ ही सड़क तथा मोहल्लों पर घूमते भूखे प्यासे पशुओं को भी जल व भोजन प्रदान किया जा रहा है।

पशुओं को भोजन देने का कार्य अनवरत ज़ारी।

स्वयंसेवक अनुपम भार्गव द्वारा नियमित रूप से पशुओं को भोजन प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है ये पशु अब यहां से भोजन पाकर इतने आदि हो चुके हैं कि भूख लगते ही इनके घर आ पहुंचते हैं।

स्वयंसेविका नीलम पेड़ों के नीचे डाल रही दाने।

पक्षी पेड़ों पर अवश्य बैठ कर सुस्ताते हैं इसी विचार के साथ नीलम टोन्डर पेड़ों के नीचे दाल-चावल के दाने बिछा कर पास ही कल से भरे पात्र भी रख देती है ताकि पक्षी जल व भोजन प्राप्त कर सकें।

स्वयंसेविका हेल्सियन अपने पड़ोसियों को पक्षी संरक्षण हेतु कर रही जागरूक।

स्वयंसेविका हेल्सियन कांत अपने घर की छत पर प्रतिदिन पक्षियों के लिए दाने रखती है पक्षियों के संरक्षण हेतु उन्हें भोजन की प्राप्ति होना अत्यंत आवश्यक है इसीलिए हेल्सियन द्वारा लगातार अपने आसपड़ोस के लोगों खासकर बच्चों को पक्षियों के संरक्षण हेतु जागरूक किया जा रहा है।गर्मियां आ चुकी हैं इन गर्मियों में जलस्तर कम हो जाने से पक्षियों को जल की कमी होने लगती है जिसके फलस्वरूप पक्षी भूख प्यास से तड़पकर दम तोड़ने लगते हैं ऐसे में डीपी विप्र महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाओं के द्वारा प्रतिवर्ष लगातार पशु-पक्षियों के संरक्षण हेतु ना केवल जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है अपितु पशु एवं पक्षियों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की जा रही है l यह कार्यक्रम लगातार कई वर्षों से चलाए जा रहे हैं किंतु बीते वर्ष से लॉकडाउन के कारण सेवाओं के अनियमित होने की वजह से घर पर रहकर ही स्वयं संरक्षण कार्य कर लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरुक कर रहे हैं।स्वयंसेवकों के द्वारा किए जा रहे नेक कार्यों की सराहना महाविद्यालय प्रशासन समिति अध्यक्ष श्री अनुराग शुक्ला, सदस्य श्री राजकुमार अग्रवाल, डॉ मनीष तिवारी एलुमनी कमेटी अध्यक्ष अविनाश शेट्टी, डॉ.विवेक अंबलकर, डॉ.मनीष तिवारी,डॉ.एम.एस तंबोली एवं महाविद्यालय परिवार द्वारा लगातार किया जा रहा है lइन कार्यों को प्रकाशित करने का एकमात्र उद्देश्य आप सभी को हमारे इस अभियान से जोड़ना है ताकि हमारी पृथ्वी में सभी जीव स्वच्छन्द जीवनयापन कर सकें।

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