बिलासपुर संभाग

अभाव के बावजूद ग्रामीण अंचल  के खिलाड़ी नियमित अभ्यास और आत्मविश्वास से खेल जगत में नई उड़ान भरने युवा पीढ़ी हो रहे तैयार।

 

बिलासपुर । कोटा , खेल खेल में अब गांव की तस्वीर बदलने लगी हैं। नियमित अभ्यास और आत्मविश्वास से खेल जगत में नई उड़ान भरने युवा पीढ़ी तैयार हो रहे हैं। शिक्षा के साथ-साथ खेलों में अभिरुचि आने वाले समय में वरदान साबित होगी। जहां युवा नशे की लत से कोसों दूर केवल खेल और शिक्षा को प्रधान मानकर अपने भविष्य की नींव तैयार करेंगे।
बिलासपुर जिला अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत खैरा में कबड्डी खेल के प्रति महिला ,पुरुष में उत्साह बढ़ता जा रहा है। लॉकडाउन के बाद मिली छूट के अवसर को ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ी प्रतिदिन शाम होते ही अभ्यास में बदलकर खेल कला के गुण सीखने में समय व्यतीत कर रहे हैं।और अपनी इसी कला के दम पर खिलाड़ी अपना नाम रोशन कर रहे हैं। गांव हो या शहर चारों तरफ कबड्डी के खेल ने अपनी लोकप्रियता हासिल कर ली है। प्रो कबड्डी प्रारंभ होने के बाद विलुप्त होती इस खेल में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।नई पीढ़ी के युवाओं में खेल के प्रति उत्साह और लगन बढ़ा। युवा पीढ़ी पढ़ाई लिखाई के साथ खेलकूद में भी अपना भविष्य उज्जवल कर रहे हैं। अकारण घूमने की वजह खेलकूद में अपना पसीना बहाने से सिगरेट शराब जैसी नशीली पदार्थ से खिलाड़ी कोसों दूर है।जिसकी वजह से खेल में एक नई जान आयी हैं। जिससे खिलाड़ियोंं को मंच के साथ पहचान और सम्मान मिल रही है।नए खिलाड़ी उभर कर सामने आ रहे। खेल के प्रति गांवो की तस्वीर बदल रही है। पुरुष वर्ग में संदीप कुमार पोर्ते,तरुण मरावी, ओमकार मरकार,विजय पोर्ते, अभिषेक यादव,शिवा यादव,राजा,अनुज मरावी, सोनू यादव, शिवम यादव, कैलाश यादव,शिवात्मा यादव,चंद्रसेन नेताम,भानु यादव , संतोष सिंह राजपूत,सावन सिंह राजपूत,विवेक यादव महिला वर्ग में नंदनी पोर्ते ,प्रीति मरावी,वर्षा पोर्ते कविता आर्मो, अंजलि पोर्ते, पूजा आर्मो,सुजाता मराव,कोमल ध्रुव,पूजा मरावी, प्रियंका पोर्ते खेल और शिक्षा को प्रधान मानकर अपने भविष्य की नींव तैयार करेंगे।जिससे आने वाली पीढ़ी को नई सीख मिलेगी।

 

सुविधा की अभाव के बावजूद हौसले बुलंद–

खिलाड़ियों के पास खेल अभ्यास के लिये ना तो मेट की व्यवस्था है और ना ही खेल के दौरान कसरत करने के लिए किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। खेल के प्रति लगन और मेहनत से खिलाड़ी प्रतिदिन कबड्डी खेल मैदान की मिट्टी की खुदाई करते हैं, जिससे उन्हें खेल के दौरान किसी प्रकार की कोई चोट ना लगे। खेल की कला में किसी भी प्रकार की कोई कमी ना रह जाये इसके लिए खिलाड़ी गाड़ी की टायर, ईट और रस्सी जैसी देसी जुगाड़ से प्रतिदिन व्यायाम करते हैं।तत्पश्चात कबड्डी खेल का अभ्यास करते हैं।मैट,जुता जैसी सुविधाओ की अभाव के बावजूद अपनी हौसलों से खिलाड़ी खेलो में भाग लेते हैं और प्रतिद्वंदी टीम को परास्त कर कामयाबी की बुलंदी को छू रहे हैं।

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