कोटा । बिलासपुर संभाग के आईजी रतनलाल डांगी के पद ग्रहण करते ही लोगों की उम्मीद जागी थी कि अब गुंडे मवालियों द्वारा बेजा परेशान करने से पुलिस निजात दिलाएगी लेकिन आईजी साहब के निर्देश के बाद भी कम से कम कोटा थाना क्षेत्र में गुंडे मवालियों पर पुलिस का नियंत्रण देखने को नहीं मिल रहा है।
मामला कोटा थाना क्षेत्र के देवरिया पारा वार्ड नं 4 का है
जहां कोटा में गुंडाराज हावी होता दिखाई दे रहा है ऐसा इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि एक व्यक्ति फर्जी पट्टा हासिल कर एक 65 वर्षीय विधवा को ना केवल उसके 40 बरस से काबिज पुराने मकान से बेदखल करने की साजिश रच रहा है वहीं उस गरीब विधवा वृद्धा के साथ मारपीट और उसे जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है इतना ही नहीं इस गरीब वृद्ध महिला के टूटे फूटे मकान पर कब्जा करने की इस साजिश में सफेदपोश लोग भी शामिल हैं इसलिए पुलिस इस गरीब विधवा महिला की शिकायत दर्ज करने की बजाय ऐसे गुंडे मवालियों का साथ दे रही जो इस गरीब असहाय लाचार वृद्ध महिला के मकान पर कब्जा करने का षड़यंत्र रच रहे हैं।
गरीब विधवा महिला नें कोटा थाना में किसी तरह से कार्यवाही और सुनवाई नहीं होने पर बिलासपुर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।
एक उम्रदराज गरीब विधवा महिला द्वारा कलेक्टर बिलासपुर और पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र से ज्ञात होता है कि कोटा थाना क्षेत्र के देवरिया पारा के वार्ड नम्बर 4 में पिछले 40 बरस से रह रही 65 वर्षीय गरीब राधाबाई जो विधवा है रोजी मजदूरी कर अपना जीवन व्यापन कर रही है उसके पड़ोस में रहने वाले दुर्गेश नामक व्यक्ति उसे असहाय,बेसहारा, लाचार और वृद्ध विधवा महिला के मकान पर कब्जा करने की नियत से लगातार परेशान कर रहा है। कभी अपने दोस्तों के साथ आकर उसके साथ मारपीट करता है तो कभी उसके समान को घर से बाहर फेंक देता है।
पीड़िता के कथनानुसार दुर्गेश केवट नामक शख्स ने कोटवार से मिली भगत कर उसके घर का फर्जी पट्टा बनवा लिया है जिसे तहसील कार्यालय कोटा में सुनवाई के दौरान निरस्त कर दिया गया है बावजूद इसके वह फर्जी पट्टे के आधार पर उसके घर को बेचने ग्राहक तलाश रहा है।
इतना ही नहीं पीड़िता ने पुलिस थाना कोटा के एक पुलिस कर्मी पर गंभीर आरोप लगाया है कि वह अपने टूटे फूटे घर का मरम्मत कर रही थी तभी दुर्गेश केवट अपने कुछ दोस्तों के साथ आया और मुझे जान से मारने की धमकी दी और चला गया कुछ देर बाद एक पुलिस वाले के साथ फिर आया तब उसके साथ आए पुलिस वाला मुझे डराने धमकाने लगा बोला मैं तेरे घर में ताला बंद कर तुझे बाहर निकाल दूंगा। ताला चाबी मुझे दे मैं थाने में जमा करूंगा नहीं तो ये लोग तेरे को मार डालेंगे। बच गई तो थाना आएगी तब भी हम लोग तेरे और तेरे भतीजे के ऊपर कार्यवाही करेंगे और अंदर कर देंगे, तब समझ में आएगा।
गुंडे मवालियों की प्रताड़ना से भयभीत पीड़िता कहती है कि कोटा थाने में उसकी शिकायत पर कोई सुनवाई ही नहीं होती। इसलिए वह कलेक्टर और एसपी को शिकायत पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगा रही हूं।
पत्र की अंतिम पंक्ति में पीड़िता ने आशंका जताई है कि यदि उसे कुछ हो जाता है तो उसके लिए सिर्फ दुर्गेश केवट को जिम्मेदार माना जाय।
यदि समय रहते जनता के जान माल की सुरक्षा का दावा करने वाले पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारी इस मामले पर गंभीरता से नहीं लेते हैं तो वह दिन दूर नहीं जब इस गरीब विधवा को वृद्धावस्था में दर दर की ठोकर खाने मजबूर होना होगा।