BEO कार्यालय में क्या सचमुच शिक्षकों से हो रही उगाही ?
बिलासपुर अक्सर हम सोचते है की अब हो गया नहीं लिखेंगे खबर लेकिन फिर से गलती कर देने वाले अधिकारी और कर्मचारी लिखने को मजबूर कर देते है और यही कारण है की हमको कुछ न कुछ लिखना पड़ता है पिछली बार हमने सूत्रों के हवाले से खबर लिखा था की BEO पति ऑफिस चलाता है अब फिर सूत्रों के हवाले से एक नई खबर सामने ला रहे है जिसे सुनकर पढ़कर आप खुद हैरान रह जाएंगे दरअसल प्राथमिक शाला की एक शिक्षिका के पति के आकस्मिक निधन हो जाने पर शिक्षिका बिल्हा बीईओ कार्यालय अर्जित अवकाश स्वीकृति करवाने आई थी कार्यालय में उपस्थित बीईओ नें कहा कि पहले से आवेदन देना था अचानक अवकाश तो नहीं मिल सकता शिक्षिका नें सोचा कि उन्हें कहाँ पता था कि अचानक उनका निधन हो जाएगा खैर कार्यालय से बाहर निकलीं तो बीईओ कार्यालय का प्यून दौड़ते हुए आया और कहने लगा कि कुछ खर्चा कीजिए अवकाश स्वीकृत हो जाएगा शिक्षिका नें पूछा कितना लगेगा प्यून नें कहा दो हजार रुपए शिक्षिका नें बड़े दुखी मन से पर्स में से दो हजार रुपए निकाल प्यून को दे दिया अवकाश स्वीकृत हो गया।
शिक्षिका नें अर्जित अवकाश स्वीकृत के एवज में 2000 रुपए लिए जाने पर क्या कुछ सोचा होगा!
पहले आना कानी फिर रुपए की मांग…..?बहरहाल इस खबर के चश्मदीद सूत्रधार कोई और नहीं बल्कि विकास खंड शिक्षा कार्यालय बिल्हा अंतर्गत संचालित एक स्कूल के शिक्षक ही हैं किंतु उन्होंने भी अपना परिचय खबर में छिपाने का निवेदन करते हुए जानकारी साझा की।
*क्या है अवकाश स्वीकृति के लिए नियम…*
उन्हीं शिक्षक नें बताया कि यदि शोक पत्र की छायाप्रति आवेदन के साथ लगा दिया जाय तो बिना किसी हील हवाले के अवकाश स्वीकृत किया जाना चाहिए था किंतु यहाँ तो अंधेरे मचा हुआ है।