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मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता से नहीं किया जाएगा समझौता,स्कूल शिक्षा विभाग के कामकाज की विस्तार से समीक्षा।

 

मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता से नहीं किया जाएगा समझौता,स्कूल शिक्षा विभाग के कामकाज की विस्तार से समीक्षा।

बिलासपुर, । कलेक्टर अवनीश शरण ने निर्देश दिए हैं कि समय पर स्कूल नहीं आने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मध्यान्ह भोजन निर्धारित मेनू के आधार पर ही दिया जाए। सभी स्कूलों में एक सप्ताह के भीतर मेनू लिखा होना अनिवार्य है। स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र 15 दिवस के भीतर स्कूल में ही कैम्प लगवाकर बनाया जाए। कलेक्टर ने आज जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग के काम-काज की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने मेनू के अनुरूप बच्चों को गरम भोजन देने पर जोर दिया। बच्चों को पोषणयुक्त भोजन प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है, भोजन की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।कलेक्टर ने स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र विशेष अभियान चलाकर 15 दिवस के भीतर बनवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल में ही कैम्प लगाकर यह कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को विभिन्न कार्यो जैसे आवेदन भरने, छात्रवृत्ति आदि के लिए जाति प्रमाण-पत्र की जरूरत होती है। इसके अभाव में उनके कार्य रूकने नहीं चाहिए। उन्होंने स्कूल में मध्यान्ह भोजन बच्चों को परोसे जाने के पहले इसे चखने के निर्देश दिए। मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता के संबंध में बच्चों से फीडबैक जरूर लें। कलेक्टर ने कहा कि सभी बच्चे स्कूलों में बड़ी उम्मीद से आते हैं। उनके साथ उनके पालकों के सपने भी सजते है। यह हमारी महती जिम्मेदारी है कि हम उनके सपनों को साकार करने स्कूलों में अपना शत प्रतिशत दें। बच्चों में बहुत प्रतिभा है, जरूरत केवल उन्हें सही मार्गदर्शन देने की है। स्कूलों का वातावरण अच्छा होना चाहिए। उन्होंने स्कूूल के बाहर लगे ठेले-गोमचे प्राथमिकता से हटाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आरटीई की समीक्षा करते हुए बड़े स्कूलों में इस योजना के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारी  टी आर साहू ने शिक्षा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में शासकीय 1110 प्राथमिक स्कूल, 519 पूर्व माध्यमिक स्कूल, 108 हाई स्कूल एवं 115 हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित है। शहरी और ग्रामीण दोनों मिलाकर 198 संकुल है। 34 स्वामी आत्मानंद स्कूल है, जिनमें 21 अंग्रेजी माध्यम एवं 13 हिंदी माध्यम के स्कूल है। इसके अलावा उन्होंने सरस्वती सायकल योजना, निशुल्क गणवेश वितरण योजना सहित अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी। बैठक में विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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