आखिर कब होगा एएसआई का कातिल बेनकाब...? एक हफ्ते से पुलिस कर रही जांच...फिर भी पुलिस के खाली हाथ..।
कोरबा/बांगो ,जिला कोरबा के थाना बांगो में ASI की हत्या ने पूरे पुलिस विभाग की नींद उड़ा दी है, पुलिस लगातार कातिलों की तलाश में जुटी हुई है।दर्जनों लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ का शिलशिला जारी है, बहरहाल पुलिस के हाथ कुछ ठोस सबूत नही लगे हैं लिहाजा पुलिस के हाथों कातिल बचे हुए हैं। हालांकि पुलिस कातिलों तक पहुचने हर संभव प्रयास कर रही है।वही पुलिस फॉरेंसिक टीम व डॉग स्क्वायड की मदद भी ले रही है।पुलिस अधीक्षक उदय किरण इस मामले को पूरी गम्भीरता से ले रहे हैं और कड़े निर्देश जारी किए हैं जहां कातिलों की धरपकड़ के लिए पुलिस की कई टीम इस मामले को सुलझाने में लगी है।वही मामले की गम्भीरता को देखते हुए बिलासपुर आईजी बद्री नारायण मीणा भी थाना बांगो पहुँचकर निरीक्षण किये थे साथ ही पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक लेकर कातिलों को पकड़ने निर्देश जारी किए थे।अनुमान लगाए जा रहे हैं कातिल पुलिस के साथ ज्यादा दिनों तक आंख मिचौली का खेल नही खेल पाएंगे,जल्द ही कातिल सलाखों के पीछे होंगे।
इस मामले को लेकर राजनैतिक दलों के नेताओ ने भी ASI के कातिलों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।वही भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ASI के हत्या मामले को विधानसभा में उठाया है और ASI की हत्या को ठेका लेकर टारगेट किलिंग का आरोप लगाया है।हालांकि पुलिस इस हत्याकांड से जुड़े हर एंगल को बारीकी से खंगाल रही है वही ASI नरेंद्र सिंह परिहार ने जितने भी मामलों में विवेचना की थी उन्हें भी टटोला जा रहा है।बाकी जिस तरीके से ASI की हत्या की गई है उससे जाहिर होता है कि कातिल ASI की जान के दुश्मन बन बैठे थे जिन्होंने हर हाल में ठान लिया था कि ASI की हत्या करना है लिहाजा कातिलों ने अपने अंजाम की परवाह किये बगैर बेख़ौफ़ तरीके से पुलिस बैरक में घुसकर ASI की हत्या कर दी।वही अगर देखा जाए तो पुलिस से आम इंसान बहस करने से भी कतराता है वहीँ पुलिस वाले कि हत्या करना आम इंसान के बस की बात नही हो सकती है..! ऐसा तो कोई सरफिरा या पेशेवर अपराधी ही कर सकता है जिसे कानून का रत्ती भर भी डर नही होता।अब ASI की हत्या को किसी सरफिरे ने अंजाम दिया है या किसी पेशेवर अपराधी का हाथ है यह तो पुलिस विवेचना बाद ही स्पष्ट होगा,बहरहाल पुलिस कातिलों की तलाश में जमीन आसमान एक कर दी है जल्द ही कातिल सलाखों के पीछे हो सकते हैं।
एएसआई की हत्या ने पूरे पुलिस महकमे सहित बांगो अनुशासन में दर्जे का माहौल कायम कर दिया है हर किसी के जुबा पर यही सवाल है कि एएसआई के कातिल कब गिरफ्तार होंगे..? क्यों हुई एएसआई की हत्या.? कौन है एएसआई का कातिल..? जब तक कातिल पकड़ा नहीं जाता तब तक कई तरह के सवाल लोगो की जुबा पर बने रहते हैं। हर कोई इस अंधेरी का पर्दाफाश होते हुए देखना चाहते हैं।बहरहाल आपको बताते हैं कि वर्तमान में कोरबा पुलिस अधीक्षक की कमान तेजतर्रार आईपीएस यू उदय किरणों के हाथों में है और आईपीएस यू उदय किरणों के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के मार्गदर्शन में कटघोरा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ईश्वर त्रिवेदी के नेतृत्व में पुलिस की कई टीम इस मामले को व्यवस्थित करने में लगी है, जैसे ही पुलिस के हाथ सबूत लगे हैं,