छत्तीसगढ़बिलासपुर संभाग

बिहान योजना से संवरी जानकी की जिंदगी अब नहीं करनी पड़ती मजदूरी, घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही हैं।

 

 

बिलासपुर । विकासखण्ड कोटा के ग्राम करगीकला निवासी सुश्री जानकी साहू के पास आजीविका का कोई स्त्रोत नहीं था। परिवार की जिम्मेदारी भी सुश्री जानकी के ऊपर थी। कभी मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाने वाली जानकी आज बुलंद हौसलों के साथ स्वयं का सिलाई का काम कर रही है। सुश्री साहू जय गंगा मईया स्व-सहायता समूह से जुड़ी एवं 15 दिवस का प्रशिक्षण प्राप्त किया। सीखने की ललक एवं कुछ कर गुजरने की चाहत से आज उन्होंने अपना खुद का मुकाम हासिल कर लिया है। परिवार का भरण-पोषण भी वे बखूबी करने लगी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उन्हें एक लाख रूपये का अनुदान सिलाई मशीन बैंक लिंकेज प्रक्रिया के रूप में मिला। इस राशि से मशीन खरीदकर उन्होंने अपना काम शुरू किया। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। अब वे समूह की दूसरी महिलाओं को भी सिलाई का प्रशिक्षण देकर प्रेरित कर रही हैं। साथ ही वे बिहान योजना के तहत एफएलसीआरपी के रूप में कार्यरत हैं, जिससे उन्हें 5 हजार रूपये प्रतिमाह मिल रहा है। समूह से जुड़ने के बाद सुश्री साहू को एक नई पहचान मिली है। इस कार्य को करने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, अपितु उन्हें परिवार एवं समाज में अधिक मान-सम्मान मिलने लगा है। वे अपनी वर्तमान स्थिति से बहुत खुश हैं एवं भविष्य में सिलाई के कार्य को और बढ़ाना चाहती है। वे कहती है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलायी जा रही यह योजना वरदान सिद्ध हो रही है। वे अपने समूह की महिलाओं को भी सिलाई में पारंगत कर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में जुटी हुई हैं।

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